ऋतुराज आया वसन्त
ऋतुराज आया वसन्त।
चहुँओर छाया आनन्द।
नव कोपल नव पल्लव संग।
फूलों पर शोभित पीत रंग।।
नव ऋतु का हुआ आगमन।
स्वागत में है सारा उपवन।
झूम रहा मन होकर मगन।
हर मन में भर रही उमंग।।
रंग बिरंगी उड़ रही पतंग।
शोभित इनसे हुआ गगन।
तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित।
वसन्त की शोभा है अवर्णित।।
रचयिता
सीमा कुमारी,
प्रभारी प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कादरीबाग,
विकास खण्ड-डिबाई,
जनपद-बुलन्दशहर।
चहुँओर छाया आनन्द।
नव कोपल नव पल्लव संग।
फूलों पर शोभित पीत रंग।।
नव ऋतु का हुआ आगमन।
स्वागत में है सारा उपवन।
झूम रहा मन होकर मगन।
हर मन में भर रही उमंग।।
रंग बिरंगी उड़ रही पतंग।
शोभित इनसे हुआ गगन।
तन प्रफुल्लित मन प्रफुल्लित।
वसन्त की शोभा है अवर्णित।।
रचयिता
सीमा कुमारी,
प्रभारी प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कादरीबाग,
विकास खण्ड-डिबाई,
जनपद-बुलन्दशहर।
Comments
Post a Comment