भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन

हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन
खून लेकर आजादी देने का जिसने किया प्रण
हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन...
उड़ीसा राज्य के कटक शहर में 23 जनवरी 1897 को लिया जन्म
हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन...
बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि, हर क्षेत्र में आगे रहे
इंग्लैंड जाकर आई०सी०एस० की परीक्षा उत्तीर्ण हुए,
फिर भी नौकरी ना कर देश सेवा का संकल्प लिया
हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन...
स्वतंत्रता आन्दोलन मे भाग लिया
1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल के अध्यक्ष बने
उसे छोड़ फारवर्ड ब्लाॅक नामक दल का तुमने गठन किया
सन् 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध जब छिड़ गया
अंग्रेजी सरकार ने विरोधी स्वर सुन तुम्हारे तब तुम्हें नज़रबन्द किया
हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन...
देश आजाद कराने को, काबुली पठान का वेश धर,
तुम भारत से बाहर हुए
अफगानिस्तान, जर्मनी, जापान गये
फिर बर्मा पुहँच आजाद हिन्द फौज का निर्माण किया
हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन...
दिल्ली चलो, जयहिन्द का नारा लगा कर सेना का नेतृत्व किया
नेता जी कहलाए तुम, जीवन भर आजादी पाने को संघर्ष किया
18 अगस्त 1945 को जापानी विमान में सवार तुम
अचानक विमान तुम्हारा नष्ट हुआ
विदा हो गये संसार से तुम, वीरों में तुम्हारा नाम हुआ
हे भारत के सच्चे वीर तुम्हें नमन...

रचयिता
अरूणा कुमारी राजपूत,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय राजपुर(अंग्रेजी़ माध्यम),
विकास खण्ड-सिंभावली, 
जिला-हापुड़।

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