हे शारदे माँ
खिले पुष्प नए-नए,
रंगों का परिधान लिए।
है उल्लास बसन्त का ये,
खुशियों का उपहार लिए।
है बहुत ही शुभ दिन ये,
माँ सरस्वती ने अवतार लिए।
माँ शारदा ज्ञानदायिनी,
वीणा वादिनी हंस वाहिनी।
दें सबको सद्बुद्धि माते,
ज्ञान की देवी श्वेत वस्त्र धारिणी।
करो सबका कल्याण माते,
बुद्धि दात्री जगत तारिणी।
दे सबको असीम ज्ञान माते,
ज्ञान की देवी माँ सरस्वती।
दे सबको असीम ज्ञान माते,
है ज्ञान की देवी माँ शारदे।।
रचयिता
अंजली मिश्रा,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरा,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
रंगों का परिधान लिए।
है उल्लास बसन्त का ये,
खुशियों का उपहार लिए।
है बहुत ही शुभ दिन ये,
माँ सरस्वती ने अवतार लिए।
माँ शारदा ज्ञानदायिनी,
वीणा वादिनी हंस वाहिनी।
दें सबको सद्बुद्धि माते,
ज्ञान की देवी श्वेत वस्त्र धारिणी।
करो सबका कल्याण माते,
बुद्धि दात्री जगत तारिणी।
दे सबको असीम ज्ञान माते,
ज्ञान की देवी माँ सरस्वती।
दे सबको असीम ज्ञान माते,
है ज्ञान की देवी माँ शारदे।।
रचयिता
अंजली मिश्रा,
सहायक शिक्षिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरा,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
Comments
Post a Comment