मकर संक्रांति
आयी मकर संक्रांति आयी
संग ढेर सारी खुशियाँ लायी।
नव वर्ष का प्रथम पर्व है ये भाई
संग इसके रिमझिम बारिश भी आई।
गंगा में सबने डुबकी लगाई
तन-मन में शीतलता पाई।
घर-घर बनती मुरमुरे व तिल की मिठाई
मिलजुल कर है जाती खायी।
कहीं संक्रांति, कहीं पोंगल
कहीं कहते इसको खिचारहाई।
आसमान में रंग-बिरंगी तितली सी
सबने अपनी अपनी पतंगें लहराई।
आयी मकर संक्रांति आयी
संग ढेर सारी खुशियाँ लायी।
रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
संग ढेर सारी खुशियाँ लायी।
नव वर्ष का प्रथम पर्व है ये भाई
संग इसके रिमझिम बारिश भी आई।
गंगा में सबने डुबकी लगाई
तन-मन में शीतलता पाई।
घर-घर बनती मुरमुरे व तिल की मिठाई
मिलजुल कर है जाती खायी।
कहीं संक्रांति, कहीं पोंगल
कहीं कहते इसको खिचारहाई।
आसमान में रंग-बिरंगी तितली सी
सबने अपनी अपनी पतंगें लहराई।
आयी मकर संक्रांति आयी
संग ढेर सारी खुशियाँ लायी।
रचयिता
रीनू पाल,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर,
विकास खण्ड - देवमई,
जनपद-फतेहपुर।
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