मेरा गणतंत्र पावन गणतंत्र
जनवरी छब्बीस को हम गणतंत्र मनाते
खुशी के गीत गाकर तिरंगा फहराते
इस पावन दिन भारत बना प्रजातंत्र
इससे पहले हम नहीं थे पूर्ण स्वतंत्र
इसके लिए हमने किया अनगिनत संघर्ष
गणतंत्र से जनता ने पाया नया उत्कर्ष
गणतंत्र से मिले जनता को अधिकार
अधिकारों से बनती जनता की सरकार
भारतवासियों का है इससे गहरा नाता सबको उन्नति का अधिकार यह देता
पंचायत से संसद का चुनाव हम लड़ते
लेकर सत्ता संविधान से सेवक बनते
पाकर शिक्षा हम सब ऊँचे पद पा सकते
देश हमारा रहें कहीं, काम सभी कर सकते
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई हैं भाई भाई
सबको यह बात ठीक ढंग से है बतलाई
आइये लें हम सब लोग मिलकर प्रतिज्ञा
संविधान को अपनायें मानें इसकी आज्ञा
रचयिता
भाष्कर पन्त,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रौल्याना,
विकास खण्ड-गरुड़,
जनपद-बागेश्वर,
उत्तराखण्ड।
खुशी के गीत गाकर तिरंगा फहराते
इस पावन दिन भारत बना प्रजातंत्र
इससे पहले हम नहीं थे पूर्ण स्वतंत्र
इसके लिए हमने किया अनगिनत संघर्ष
गणतंत्र से जनता ने पाया नया उत्कर्ष
गणतंत्र से मिले जनता को अधिकार
अधिकारों से बनती जनता की सरकार
भारतवासियों का है इससे गहरा नाता सबको उन्नति का अधिकार यह देता
पंचायत से संसद का चुनाव हम लड़ते
लेकर सत्ता संविधान से सेवक बनते
पाकर शिक्षा हम सब ऊँचे पद पा सकते
देश हमारा रहें कहीं, काम सभी कर सकते
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई हैं भाई भाई
सबको यह बात ठीक ढंग से है बतलाई
आइये लें हम सब लोग मिलकर प्रतिज्ञा
संविधान को अपनायें मानें इसकी आज्ञा
रचयिता
भाष्कर पन्त,
सहायक अध्यापक,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रौल्याना,
विकास खण्ड-गरुड़,
जनपद-बागेश्वर,
उत्तराखण्ड।
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