मुझे अध्यापक रहने दो
मैं अध्यापक हूँ, मुझे अध्यापक रहने दो।
आज न रोको न टोको खुलकर कहने दो।
बच्चों के लिए शिकायत पेटिका रख दो।
अध्यापक की भी सुन लो उसको भी कुछ कहने का हक दो।
बच्चों पर अध्यापक का थोड़ा हक रहने दो।
वह डाँटे दुलारे अपने बच्चे सा पुचकारे यह अधिकार रहने दो।
मैं अध्यापक हूँ, मुझे अध्यापक रहने दो।
अनेक सूचना की डिमांड करते हो
मोबाइल चलाना नहीं यह आदेश करते हो।
हर सूचना की व्हाट्सएप्प पर माँग करते हो।
प्रथम, दीक्षा, प्रेरणा की शुरुआत करते हो।
नित्य नए अभियान चलाते हो।
अध्यापक को यहाँ-वहाँ नचवाते हो।
अध्यापक पढ़ाते नहीं यह इल्जाम देते हो।
अरे पढ़ाने का थोड़ा सा तो समय रहने दो।
मैं अध्यापक हूँ मूझे अध्यापक रहने दो।
मेरे सर्वस्व की पहचान रहने दो।
रचयिता
स्वाती सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रवांसी,
विकास खण्ड-परसेंडी,
जनपद-सीतापुर।
आज न रोको न टोको खुलकर कहने दो।
बच्चों के लिए शिकायत पेटिका रख दो।
अध्यापक की भी सुन लो उसको भी कुछ कहने का हक दो।
बच्चों पर अध्यापक का थोड़ा हक रहने दो।
वह डाँटे दुलारे अपने बच्चे सा पुचकारे यह अधिकार रहने दो।
मैं अध्यापक हूँ, मुझे अध्यापक रहने दो।
अनेक सूचना की डिमांड करते हो
मोबाइल चलाना नहीं यह आदेश करते हो।
हर सूचना की व्हाट्सएप्प पर माँग करते हो।
प्रथम, दीक्षा, प्रेरणा की शुरुआत करते हो।
नित्य नए अभियान चलाते हो।
अध्यापक को यहाँ-वहाँ नचवाते हो।
अध्यापक पढ़ाते नहीं यह इल्जाम देते हो।
अरे पढ़ाने का थोड़ा सा तो समय रहने दो।
मैं अध्यापक हूँ मूझे अध्यापक रहने दो।
मेरे सर्वस्व की पहचान रहने दो।
रचयिता
स्वाती सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय रवांसी,
विकास खण्ड-परसेंडी,
जनपद-सीतापुर।
Very true
ReplyDeleteThnkuu
Deleteवाह स्वाति मैंम, बहुत सही कहा आपने👌👌
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार मैम 🙏
Deleteright👌👍
ReplyDeleteThnkuu
Deleteअक्षरशः सत्य बहन👌👌👌
ReplyDeleteThnkuu
Deleteस्वाति सिंह जी , बहुत सुन्दर विचार।
ReplyDeleteएस०कौशिक
Thnkuu sir 🙏
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteAbsolutely right madam
ReplyDelete