बसन्त पंचमी का प्यारा त्योहार
बसन्त पंचमी का प्यारा त्योहार
साल में आये एक बार।।
विद्या की देवी माँ सरस्वती
सबको दे ज्ञान अपार।।
जगह - जगह हरियाली छाई
प्रकृति के मुख पर बहार आई।।
माँ सरस्वती से माँगो वरदान
बढ़ता जाए हम सभी का ज्ञान।।
माँ ही तो स्वर की दाता
माँ ही तो वर्णों की दाता।।
आओ मिलकर शीश नवायें
माँ सरस्वती से आशीष पायें।।
माँ को प्यारा यह बसन्त त्योहार
लेकर आये सबके जीवन में बहार।।
प्रकृति को संवारता यह त्योहार
सबके मन में भरे उमंग और प्यार।।
ऋतुओं में सबसे निराली
बसन्त है सबके मन को हरने वाली।।
बसन्त से भरा हो सबका मन
करें बसन्त का अभिनंदन।।
रचयिता
इन्दु पंवार,
प्रधानाध्यापक,
रा. प्राथमिक विद्यालय गिरगाँव,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
साल में आये एक बार।।
विद्या की देवी माँ सरस्वती
सबको दे ज्ञान अपार।।
जगह - जगह हरियाली छाई
प्रकृति के मुख पर बहार आई।।
माँ सरस्वती से माँगो वरदान
बढ़ता जाए हम सभी का ज्ञान।।
माँ ही तो स्वर की दाता
माँ ही तो वर्णों की दाता।।
आओ मिलकर शीश नवायें
माँ सरस्वती से आशीष पायें।।
माँ को प्यारा यह बसन्त त्योहार
लेकर आये सबके जीवन में बहार।।
प्रकृति को संवारता यह त्योहार
सबके मन में भरे उमंग और प्यार।।
ऋतुओं में सबसे निराली
बसन्त है सबके मन को हरने वाली।।
बसन्त से भरा हो सबका मन
करें बसन्त का अभिनंदन।।
रचयिता
इन्दु पंवार,
प्रधानाध्यापक,
रा. प्राथमिक विद्यालय गिरगाँव,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
शानदार
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