मेरा प्यारा देश
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
गणतंत्र तंत्र की शक्ति निहित है देश के संविधान से
आजादी के लिए वीरों ने लंबी लड़ी लड़ाई थी,
लाखों लोगों ने प्राणों की बाजी अपनी लगाई थी,
व्यापारी बन विदेशियों ने छल से हम पर राज किया,
फूट डालकर राज करने की नीति अपनाई थी,
अपना खोया गौरव पाया हमने स्वाभिमान से
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
गांधी जी और अम्बेडकर का प्यारा यह देश है,
एकता - भाईचारे का दुनिया को देता संदेश है,
प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय इसके उत्तर द्वार पर,
दक्षिण में बहता हिन्द महासागर इसके लिए विशेष है,
जर्रा - जर्रा लगा गूँजने आज वीरों के यशगान से
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
मातृ भूमि की खातिर हर बेटा मिटने को तैयार है,
माँ के आँचल की छाया से छोटा ये संसार है,
सत्य - अहिंसा अपनाकर हम एकता के द्वीप जलाएँगे,
वसुधैव कुटुंबकम् का हमारा ये संस्कार है,
देश के सपूतों का सिर ऊँचा आज भी अभिमान से
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
नई उमंगें नई तरंगे जन - जन के मन को भाती हैं,
खेतों में भी अब फसलें लहराती इठलाती हैं,
असंख्य बेटों को भारत माँ सीने से लगाती है,
अम्बेडकर का दिया संविधान भारत का अभिमान है,
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई मरते भारत माँ के मान पे
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
रचयिता
अर्चना अरोड़ा,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बरेठर खुर्द,
विकास खण्ड-खजुहा,
जनपद-फ़तेहपुर।
गणतंत्र तंत्र की शक्ति निहित है देश के संविधान से
आजादी के लिए वीरों ने लंबी लड़ी लड़ाई थी,
लाखों लोगों ने प्राणों की बाजी अपनी लगाई थी,
व्यापारी बन विदेशियों ने छल से हम पर राज किया,
फूट डालकर राज करने की नीति अपनाई थी,
अपना खोया गौरव पाया हमने स्वाभिमान से
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
गांधी जी और अम्बेडकर का प्यारा यह देश है,
एकता - भाईचारे का दुनिया को देता संदेश है,
प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय इसके उत्तर द्वार पर,
दक्षिण में बहता हिन्द महासागर इसके लिए विशेष है,
जर्रा - जर्रा लगा गूँजने आज वीरों के यशगान से
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
मातृ भूमि की खातिर हर बेटा मिटने को तैयार है,
माँ के आँचल की छाया से छोटा ये संसार है,
सत्य - अहिंसा अपनाकर हम एकता के द्वीप जलाएँगे,
वसुधैव कुटुंबकम् का हमारा ये संस्कार है,
देश के सपूतों का सिर ऊँचा आज भी अभिमान से
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
नई उमंगें नई तरंगे जन - जन के मन को भाती हैं,
खेतों में भी अब फसलें लहराती इठलाती हैं,
असंख्य बेटों को भारत माँ सीने से लगाती है,
अम्बेडकर का दिया संविधान भारत का अभिमान है,
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई मरते भारत माँ के मान पे
हमें मिली है आजादी वीरों के बलिदान से
रचयिता
अर्चना अरोड़ा,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बरेठर खुर्द,
विकास खण्ड-खजुहा,
जनपद-फ़तेहपुर।
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