गणतन्त्र
कैसे पाया गणतन्त्र
याद करो परतंत्र
जब याद करोगे परतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
बन गई कुर्बानियाँ जब इत्र
तब ही बना गणतन्त्र
रखना है महफ़ूज ये इत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
कर रहा माँग जनतंत्र
हो व्यवस्थित सामाजिक तन्त्र
मन्त्र बन जाये जब यन्त्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
जब हो व्यवस्थित अंगतंत्र
तब हो स्वस्थ मानव तंत्र
हो व्यवस्थित जनतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
रखता है सातों सुर व्यवस्थित, जब यंत्र
तब ही बजे वाद्य यंत्र
जब हो शिक्षित सामाजिक तन्त्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
हो सुखी प्रजा तंत्र
हो खुशहाली सर्वत्र
तब ही बनेगा गणतन्त्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
बिखर न जाये देश यत्र-तत्र
संभल जा मानव तंत्र
याद करो परतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
हों व्यवस्थित मंत्र, यंत्र, तंत्र
तभी एकता के सुर बजाएँ वाद्य यंत्र
जब होगा एक सुर में जनतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
हो एक ही मंत्र
गणतन्त्र, गणतन्त्र
जय गणतन्त्र, जय गणतन्त्र
जय गणतन्त्र, जय गणतन्त्र।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
याद करो परतंत्र
जब याद करोगे परतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
बन गई कुर्बानियाँ जब इत्र
तब ही बना गणतन्त्र
रखना है महफ़ूज ये इत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
कर रहा माँग जनतंत्र
हो व्यवस्थित सामाजिक तन्त्र
मन्त्र बन जाये जब यन्त्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
जब हो व्यवस्थित अंगतंत्र
तब हो स्वस्थ मानव तंत्र
हो व्यवस्थित जनतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
रखता है सातों सुर व्यवस्थित, जब यंत्र
तब ही बजे वाद्य यंत्र
जब हो शिक्षित सामाजिक तन्त्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
हो सुखी प्रजा तंत्र
हो खुशहाली सर्वत्र
तब ही बनेगा गणतन्त्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
बिखर न जाये देश यत्र-तत्र
संभल जा मानव तंत्र
याद करो परतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
हों व्यवस्थित मंत्र, यंत्र, तंत्र
तभी एकता के सुर बजाएँ वाद्य यंत्र
जब होगा एक सुर में जनतंत्र
तब ही रहेगा गणतन्त्र।
हो एक ही मंत्र
गणतन्त्र, गणतन्त्र
जय गणतन्त्र, जय गणतन्त्र
जय गणतन्त्र, जय गणतन्त्र।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
Bahut accha likha mam apne
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