शिक्षा की हम आहट दें
ठंडी होती दिनचर्या में,
जीवन को गर्माहट दें।
मन के हारेपन बालक में,
शिक्षा की हम आहट दें।।
भोलापन ,अक्खड़पन उसमें,
जुझारूपन भीतर से भर दें।
भर दें ज्ञान का तेज़ लबालब
कुल्हाड़ी की धार कर दें।।
वृक्षों की ताजा हवा में,
नदियों सी निर्मलता भर दें।
पहाड़ों सा मौन मुखी बन,
फसलों की लहलहाहट कर दें।।
ठंडी होती दिनचर्या में,
जीवन को गर्माहट दें।
मन के हारेपन बालक में,
शिक्षा की हम आहट दें।
रचयिता
दीपक सिंह 'ध्येय',
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अतरैला पाण्डेय,
विकास खण्ड-मड़िहान,
जनपद-मीरजापुर।
जीवन को गर्माहट दें।
मन के हारेपन बालक में,
शिक्षा की हम आहट दें।।
भोलापन ,अक्खड़पन उसमें,
जुझारूपन भीतर से भर दें।
भर दें ज्ञान का तेज़ लबालब
कुल्हाड़ी की धार कर दें।।
वृक्षों की ताजा हवा में,
नदियों सी निर्मलता भर दें।
पहाड़ों सा मौन मुखी बन,
फसलों की लहलहाहट कर दें।।
ठंडी होती दिनचर्या में,
जीवन को गर्माहट दें।
मन के हारेपन बालक में,
शिक्षा की हम आहट दें।
रचयिता
दीपक सिंह 'ध्येय',
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अतरैला पाण्डेय,
विकास खण्ड-मड़िहान,
जनपद-मीरजापुर।
Bahut hi utkrist sir.
ReplyDeleteSo nice.