बसन्त पंचमी का त्योहार है आया

बसन्त पंचमी का त्योहार है आया।
जीवन में ढेरों खुशियाँ है लाया॥
हरियाली-हरियाली दिखती।
खेतों में पीली सरसों खिलती॥
सरस्वती माँ का जन्मदिन है आया।
जीवन में ढेरों खुशियाँ है लाया॥

छः ऋतुएँ देश में होतीं,
सभी अलग-अलग अपना रंग दिखातीं।
इनमे बसन्त ऋतु सबसे न्यारी,
ये आती तब फसलें पक जातीं हमारी।
बसन्त ने अपना रंग दिखाया,
जीवन में ढेरों खुशियाँ है लाया।

गुलमोहर, चम्पा, सूरजमुखी, गुलाब,
तितलियों और मधुमक्खियों के भाव।
इस दिन पूरे होते हैं इनके ख्वाब,
खुशी से झूम उठते हैं ये नवाब॥
"बसन्त" ऋतुओं का राजा कहलाया,
जीवन में ढेरों खुशियाँ है लाया।

फूलों पर बहार, भ्रमर करे गुन्जार,
बसन्त में सब झूमें, मन में खुशी अपार।
ब्रज की शोभा, नारियों का श्रृंगार,
आओ मिलजुल कर, मनाएँ ये त्योहार॥
प्रेम का पावन मेला है आया,
जीवन में ढेरों खुशियाँ है लाया॥

रचयिता
मन्जू शर्मा,
सहायक अध्यापिका, 
प्राथमिक विद्यालय नगला जगराम,
विकास खण्ड-सादाबाद,
जनपद-हाथरस।

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