सरहद का जवान
भारत माँ का अभिमान हूँ, मैं अपने देश की शान हूँ,
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ।
फट जाए चाहे आसमां, प्रचंड सूर्य की चाहे मार हो,
हाड़ कँपाने वाले स्थल, बर्फ से ढके पहाड़ हों,
मैं ना डरूँगा, मैं ना झुकुँगा, मैं ऐसा सख्त इंसान हूँ।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ॥
एकमात्र धर्म है ये मेरा, करनी मातृभूमि की रक्षा,
हर भारतवासी प्रिय है मुझे, हूँ देशभक्त बिल्कुल सच्चा,
बस स्वदेश से प्रेम मुझे, दुश्मन के लिए शैतान हूँ।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ॥
एक फौजी हूँ सरहद पे खड़ा, न जाने कितनों से हूँ लड़ा,
रहे अमन और शान्ति देश में, इस जिद पर ही हूँ मैं अड़ा,
बेफिक्र जिंदगी जीने की राह, बनाता मैं ही आसान हूँ।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ॥
रचयिता
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ।
फट जाए चाहे आसमां, प्रचंड सूर्य की चाहे मार हो,
हाड़ कँपाने वाले स्थल, बर्फ से ढके पहाड़ हों,
मैं ना डरूँगा, मैं ना झुकुँगा, मैं ऐसा सख्त इंसान हूँ।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ॥
एकमात्र धर्म है ये मेरा, करनी मातृभूमि की रक्षा,
हर भारतवासी प्रिय है मुझे, हूँ देशभक्त बिल्कुल सच्चा,
बस स्वदेश से प्रेम मुझे, दुश्मन के लिए शैतान हूँ।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ॥
एक फौजी हूँ सरहद पे खड़ा, न जाने कितनों से हूँ लड़ा,
रहे अमन और शान्ति देश में, इस जिद पर ही हूँ मैं अड़ा,
बेफिक्र जिंदगी जीने की राह, बनाता मैं ही आसान हूँ।
क्या खूब पहचाना है मुझको, मैं ही सरहद का जवान हूँ॥
रचयिता
गीता यादव,
प्रधानाध्यपिका,
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर,
विकास खण्ड-देवमई,
जनपद-फ़तेहपुर।
🙏 🙏 🙏
ReplyDeleteWaah क्या बात है
ReplyDeleteवाह देशभक्ति से परिपूर्ण है मैम��������������������������������������������
ReplyDeleteआप सभी का हृदय से आभार
ReplyDelete👌🙏
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