४०१~ 🏅नीरज कुमार (प्रभारी अध्यापक) पूर्व माध्यमिक विद्यालय भीकनपुर बझेरा, विकास क्षेत्र - टूंडला, जनपद- फिरोजाबाद
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- फ़िरोजाबाद से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई नीरज कुमार जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से एक शिक्षक के कर्तव्य से न सिर्फ शिक्षक की मर्यादा को मजबूत किया बल्कि बच्चों में शिक्षा और विद्यालय के प्रति आकर्षण पैदा कर दिखाया। जिसका परिणाम यह हुआ किसी भी विद्यालय के लिए सबसे महत्वपूर्ण छात्र नामांकन एवं दैनिक उपस्थिति में गुणात्मक परिवर्तन हुआ। जिससे 72 छात्र संख्या वाले विद्यालय में अब 145 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से सम्पूर्ण सहयोगी विद्यालय परिवार को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2540337809577134&id=1598220847122173
1- शिक्षक का परिचय : नीरज कुमार (प्रभारी अध्यापक) पूर्व माध्यमिक विद्यालय भीकनपुर बझेरा, विकास क्षेत्र - टूंडला, जनपद- फिरोजाबाद
3- प्रथम/वर्तमान नियुक्ति - 29/09/2015
विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया यह जनपद में सीमा का अंतिम स्कूल था और रास्ता भी बहुत खराब था तो यहाँ कोई आता - जाता नहीं था और अपनी इच्छा से स्कूल चलता था। वहाँ केवल प्रभारी प्रधानाध्यापक जी व अटैचमेंट पर एक मैडम थी। मैं भी पुलिस की जॉब रिजाइन कर आया था तो मैं भी ----- महसूस कर रहा था लेकिन मैं विद्यालय समय से आता - जाता था और बच्चों को निर्धारित विषय पढ़ाता था। मेरे प्रेरणा स्रोत वहाँ के अभिभावक रहे क्योंकि मैं किसी अभिभावक से मतलब नहीं रखता था अपने काम से काम। कुछ दिनों बाद हमारे प्रभारी सर ने बताया कि नीरज तुम आजकल क्षेत्र में बहुत प्रचलित हो रहे हो। मैंने पूछा सर क्या हुआ? तब उन्होंने बताया कि यहाँ के लोग आपके कार्य से बहुत प्रभावित हो रहे हैं। कुछ अभिभावक मुझसे मिलने भी आये और उन्होंने बताया कि बच्चे घरों पर जाकर विद्यालय की सभी गतिविधियां बताते हैं। तभी से मेरे मन में और अच्छा करने की इच्छा जाग उठी।और लगातार प्रयास करता रहा। 28 अगस्त- 2016 से मैंने विद्यालय के इंचार्ज के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।
👉4- विद्यालय की समस्याएँ - लगभग 1 वर्ष के कार्यकाल में विद्यालय की समस्याओं से भलीभांति अवगत हो चुका था। नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बहुत कम रहती थी। विद्यार्थियों के इस विद्यालय के अलावा प्राइवेट स्कूल में भी नामांकन था। इसलिए वह वहीं पर जाते थे केवल परीक्षा व निशुल्क सामग्री विवरण के लिए विद्यालय में आते थे। विद्यालय का भौतिक परिवेश भी ठीक नहीं था। पेड़-पौधों का अभाव था। ग्रामीणों का भी न के बराबर सहयोग था। लेकिन कुछ स्टाफ की नियुक्ति विद्यालय में हो चुकी थी और दिसंबर माह में विद्यालय में प्रधानाध्यापक जी की भी नियुक्ति हो गई थी लेकिन उन्होंने विद्यालय के वित्तीय चार्ज नहीं लिया और मैंने उनके निर्देशन में कार्य किया।
👉5 - विद्यालय की समस्याओं का समाधान:- मैंने इंचार्ज के रूप में चार्ज ग्रहण करने के बाद सर्वप्रथम विद्यालय आने वाले अभिभावकों से संपर्क कर पता लगाया कि कौन सा बच्चा किस प्राइवेट विद्यालय में पढ़ने जाता है और मैंने उसका विद्यालय से नाम खारिज किया और वास्तविक छात्र संख्या विद्यालय में रखी और शिक्षा पर जोर दिया। दिनों दिन नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बढ़ने लगी। विद्यालय की भौतिक दशा सुधारने हेतु अच्छी रंगाई-पुताई कराई व वृक्षारोपण कराया।
🥀- विद्यालय के भौतिक संसाधनों की कमी को स्वयं के खर्चे से न्यूनतम निवेश पर पूरा करने का लगातार प्रयास किया।
🥀- विद्यालय स्टाफ व एसएमसी सदस्यों के सहयोग से विद्यालय के पोस्टर व पेंपलेट द्वारा प्रचार- प्रसार कर नामांकन बढ़ाया।
🥀- ग्राम प्रधान जी द्वारा विद्यालय की बाउंड्री वॉल की मरम्मत, कटीले तार, इंटरलॉकिंग, कमरों में टाइल्स, स्थाई प्रार्थना मंच का निर्माण करवाया।
🥀- स्वयं के खर्चे से माइक खरीदा जिससे मॉर्निंग असेंबली को रोचक बनाया जिससे बच्चों व अभिभावकों का विद्यालय की ओर आकर्षण हुआ।
👉6- विद्यालय की शिक्षण सांस्कृतिक एवं सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:
मॉर्निंग असेंबली में माइक सिस्टम से प्रार्थना करवाना प्रारंभ किया तथा असेंबली आयोजन की जिम्मेदारी तीन कक्षाओं को दिवस के अनुसार निर्धारित कर दिया जिससे बच्चे अपने आने वाले टर्न का इंतजार करते तथा उत्साह पूर्वक असेंबली आयोजित करते।
🥀- राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, गणतंत्र दिवस के आयोजनों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करना प्रारंभ किया। जिससे क्षेत्रीय लोगों को लगा कि विद्यालय में परिवर्तन हो रहा है तो क्षेत्रीय संभ्रांत लोगों में भी विद्यालय के प्रति सहयोग की भावना जागी और सहयोग किया।
🥀- बाल संसद का लोकतांत्रिक तरीके से गठन कराया जिससे विद्यार्थी वास्तविकता से रूबरू हुआ।
🥀- विद्यार्थियों के प्रोफाइल तैयार कर अनुपस्थित छात्र/ छात्राओं के अभिभावकों से मोबाइल से संपर्क करना प्रारंभ किया जिससे दैनिक उपस्थिति में वृद्धि होना प्रारंभ हुई।
🥀- समय-समय पर नशा मुक्ति, मतदाता जागरूकता रैली, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान चलाया। इसका प्रिंट मीडिया द्वारा कवरेज भी किया गया।
👉7- नामांकन: नामांकन बढ़ाने हेतु मेला, शिक्षा जागरूकता रैली, स्कूल चलो अभियान, जनसंपर्क व्यक्तिगत एवं मोबाइल फोन द्वारा निरंतर किया जाता है जिससे नामांकन में निरंतर वृद्धि हुई है। 2015 -16 में 72
2016-17 में 101
2017-18 में 129
2018-19 में 133
2019-20 में 145
👉8- विद्यालय एवं शिक्षक उपलब्धियां: हमारे विद्यालय में नवाचारी शिक्षा पर जोर दिया जाता है जिससे लर्निंग आउटकम में वृद्धि हुई है। मासिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है। दीक्षा एप का प्रयोग, T.L.M. द्वारा शिक्षण कार्य, एमडीएम से पूर्व भोजन मंत्र, विज्ञान दिवस, विद्यालय स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन करना। विद्यालय समापन के समय प्रेरक गीत व कहानी सुनाई जाती है जिससे विद्यार्थियों में अपने कर्म के प्रति उत्साह में वृद्धि होती है।
👉9 - सम्मान एवं पुरस्कार: ब्लॉक स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता में विद्यालय के छात्रों द्वारा वर्ष- 2017 -18 में तृतीय स्थान, 2018 -19 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इनोवेशन काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा 24 अगस्त 2018 को Innovative project exhibition में विद्यालय के छात्र ने जनपद में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
5 सितंबर - 2019 को शिक्षक दिवस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा सम्मानित किया गया।
10- मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश: सभी शिक्षक प्रतिभा के धनी हैं सभी में प्रतिभा कूट-कूट के भरी हैं। मिशन ने उस प्रतिभा को सही जगह प्रयोग करने की अलख जगाने का कार्य किया है। मैं मिशन के सभी सम्मानीय साथियों से प्रार्थना करना चाहूँगा कि इसे तन- मन से निरंतरता बनाए रखने में सहयोग करें जिससे शिक्षक का खोया हुआ सम्मान वापस प्राप्त हो सके।
संकलन: विनीत शर्मा
मिशन शिक्षण संवाद फ़िरोजाबाद
/ ज्योति कुमारी
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-01-2020
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- फ़िरोजाबाद से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई नीरज कुमार जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से एक शिक्षक के कर्तव्य से न सिर्फ शिक्षक की मर्यादा को मजबूत किया बल्कि बच्चों में शिक्षा और विद्यालय के प्रति आकर्षण पैदा कर दिखाया। जिसका परिणाम यह हुआ किसी भी विद्यालय के लिए सबसे महत्वपूर्ण छात्र नामांकन एवं दैनिक उपस्थिति में गुणात्मक परिवर्तन हुआ। जिससे 72 छात्र संख्या वाले विद्यालय में अब 145 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। मिशन शिक्षण संवाद की ओर से सम्पूर्ण सहयोगी विद्यालय परिवार को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2540337809577134&id=1598220847122173
1- शिक्षक का परिचय : नीरज कुमार (प्रभारी अध्यापक) पूर्व माध्यमिक विद्यालय भीकनपुर बझेरा, विकास क्षेत्र - टूंडला, जनपद- फिरोजाबाद
3- प्रथम/वर्तमान नियुक्ति - 29/09/2015
विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया यह जनपद में सीमा का अंतिम स्कूल था और रास्ता भी बहुत खराब था तो यहाँ कोई आता - जाता नहीं था और अपनी इच्छा से स्कूल चलता था। वहाँ केवल प्रभारी प्रधानाध्यापक जी व अटैचमेंट पर एक मैडम थी। मैं भी पुलिस की जॉब रिजाइन कर आया था तो मैं भी ----- महसूस कर रहा था लेकिन मैं विद्यालय समय से आता - जाता था और बच्चों को निर्धारित विषय पढ़ाता था। मेरे प्रेरणा स्रोत वहाँ के अभिभावक रहे क्योंकि मैं किसी अभिभावक से मतलब नहीं रखता था अपने काम से काम। कुछ दिनों बाद हमारे प्रभारी सर ने बताया कि नीरज तुम आजकल क्षेत्र में बहुत प्रचलित हो रहे हो। मैंने पूछा सर क्या हुआ? तब उन्होंने बताया कि यहाँ के लोग आपके कार्य से बहुत प्रभावित हो रहे हैं। कुछ अभिभावक मुझसे मिलने भी आये और उन्होंने बताया कि बच्चे घरों पर जाकर विद्यालय की सभी गतिविधियां बताते हैं। तभी से मेरे मन में और अच्छा करने की इच्छा जाग उठी।और लगातार प्रयास करता रहा। 28 अगस्त- 2016 से मैंने विद्यालय के इंचार्ज के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।
👉4- विद्यालय की समस्याएँ - लगभग 1 वर्ष के कार्यकाल में विद्यालय की समस्याओं से भलीभांति अवगत हो चुका था। नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बहुत कम रहती थी। विद्यार्थियों के इस विद्यालय के अलावा प्राइवेट स्कूल में भी नामांकन था। इसलिए वह वहीं पर जाते थे केवल परीक्षा व निशुल्क सामग्री विवरण के लिए विद्यालय में आते थे। विद्यालय का भौतिक परिवेश भी ठीक नहीं था। पेड़-पौधों का अभाव था। ग्रामीणों का भी न के बराबर सहयोग था। लेकिन कुछ स्टाफ की नियुक्ति विद्यालय में हो चुकी थी और दिसंबर माह में विद्यालय में प्रधानाध्यापक जी की भी नियुक्ति हो गई थी लेकिन उन्होंने विद्यालय के वित्तीय चार्ज नहीं लिया और मैंने उनके निर्देशन में कार्य किया।
👉5 - विद्यालय की समस्याओं का समाधान:- मैंने इंचार्ज के रूप में चार्ज ग्रहण करने के बाद सर्वप्रथम विद्यालय आने वाले अभिभावकों से संपर्क कर पता लगाया कि कौन सा बच्चा किस प्राइवेट विद्यालय में पढ़ने जाता है और मैंने उसका विद्यालय से नाम खारिज किया और वास्तविक छात्र संख्या विद्यालय में रखी और शिक्षा पर जोर दिया। दिनों दिन नामांकन के सापेक्ष उपस्थिति बढ़ने लगी। विद्यालय की भौतिक दशा सुधारने हेतु अच्छी रंगाई-पुताई कराई व वृक्षारोपण कराया।
🥀- विद्यालय के भौतिक संसाधनों की कमी को स्वयं के खर्चे से न्यूनतम निवेश पर पूरा करने का लगातार प्रयास किया।
🥀- विद्यालय स्टाफ व एसएमसी सदस्यों के सहयोग से विद्यालय के पोस्टर व पेंपलेट द्वारा प्रचार- प्रसार कर नामांकन बढ़ाया।
🥀- ग्राम प्रधान जी द्वारा विद्यालय की बाउंड्री वॉल की मरम्मत, कटीले तार, इंटरलॉकिंग, कमरों में टाइल्स, स्थाई प्रार्थना मंच का निर्माण करवाया।
🥀- स्वयं के खर्चे से माइक खरीदा जिससे मॉर्निंग असेंबली को रोचक बनाया जिससे बच्चों व अभिभावकों का विद्यालय की ओर आकर्षण हुआ।
👉6- विद्यालय की शिक्षण सांस्कृतिक एवं सामाजिक एवं खेलकूद गतिविधियाँ:
मॉर्निंग असेंबली में माइक सिस्टम से प्रार्थना करवाना प्रारंभ किया तथा असेंबली आयोजन की जिम्मेदारी तीन कक्षाओं को दिवस के अनुसार निर्धारित कर दिया जिससे बच्चे अपने आने वाले टर्न का इंतजार करते तथा उत्साह पूर्वक असेंबली आयोजित करते।
🥀- राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, गणतंत्र दिवस के आयोजनों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करना प्रारंभ किया। जिससे क्षेत्रीय लोगों को लगा कि विद्यालय में परिवर्तन हो रहा है तो क्षेत्रीय संभ्रांत लोगों में भी विद्यालय के प्रति सहयोग की भावना जागी और सहयोग किया।
🥀- बाल संसद का लोकतांत्रिक तरीके से गठन कराया जिससे विद्यार्थी वास्तविकता से रूबरू हुआ।
🥀- विद्यार्थियों के प्रोफाइल तैयार कर अनुपस्थित छात्र/ छात्राओं के अभिभावकों से मोबाइल से संपर्क करना प्रारंभ किया जिससे दैनिक उपस्थिति में वृद्धि होना प्रारंभ हुई।
🥀- समय-समय पर नशा मुक्ति, मतदाता जागरूकता रैली, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान चलाया। इसका प्रिंट मीडिया द्वारा कवरेज भी किया गया।
👉7- नामांकन: नामांकन बढ़ाने हेतु मेला, शिक्षा जागरूकता रैली, स्कूल चलो अभियान, जनसंपर्क व्यक्तिगत एवं मोबाइल फोन द्वारा निरंतर किया जाता है जिससे नामांकन में निरंतर वृद्धि हुई है। 2015 -16 में 72
2016-17 में 101
2017-18 में 129
2018-19 में 133
2019-20 में 145
👉8- विद्यालय एवं शिक्षक उपलब्धियां: हमारे विद्यालय में नवाचारी शिक्षा पर जोर दिया जाता है जिससे लर्निंग आउटकम में वृद्धि हुई है। मासिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है। दीक्षा एप का प्रयोग, T.L.M. द्वारा शिक्षण कार्य, एमडीएम से पूर्व भोजन मंत्र, विज्ञान दिवस, विद्यालय स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन करना। विद्यालय समापन के समय प्रेरक गीत व कहानी सुनाई जाती है जिससे विद्यार्थियों में अपने कर्म के प्रति उत्साह में वृद्धि होती है।
👉9 - सम्मान एवं पुरस्कार: ब्लॉक स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता में विद्यालय के छात्रों द्वारा वर्ष- 2017 -18 में तृतीय स्थान, 2018 -19 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इनोवेशन काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा 24 अगस्त 2018 को Innovative project exhibition में विद्यालय के छात्र ने जनपद में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
5 सितंबर - 2019 को शिक्षक दिवस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा सम्मानित किया गया।
10- मिशन शिक्षण संवाद के लिए संदेश: सभी शिक्षक प्रतिभा के धनी हैं सभी में प्रतिभा कूट-कूट के भरी हैं। मिशन ने उस प्रतिभा को सही जगह प्रयोग करने की अलख जगाने का कार्य किया है। मैं मिशन के सभी सम्मानीय साथियों से प्रार्थना करना चाहूँगा कि इसे तन- मन से निरंतरता बनाए रखने में सहयोग करें जिससे शिक्षक का खोया हुआ सम्मान वापस प्राप्त हो सके।
संकलन: विनीत शर्मा
मिशन शिक्षण संवाद फ़िरोजाबाद
/ ज्योति कुमारी
नोट: मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बन्धित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail. com पर भेज सकते हैं।
सादर:
विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
11-01-2020
अनुकरणीय
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