100/2024, बाल कहानी- 25 मई


बाल कहानी- प्यारा पेड़
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एक जंगल था। वह बहुत ही घना था। उस जंगल के बीचों-बीच एक पेड़ था। पानी न बरसने से सभी पेड़-पौधे बिना पत्तों और फूल के थे। उस पेड़ का कोई दोस्त नहीं था, इसलिए वह हमेशा दुःखी रहता था। बरसात आयी। पानी बरसा। पेड़-पौधों में हरियाली छा गयी। धरती पर भी हरी चादर बिछ गयी। 
एक दिन एक नीली चिड़िया आकर उसकी टहनी पर बैठी। पेड़ बहुत खुश हुआ। थोड़ी देर बाद वह उड़ गयी। पेड़ को थोड़ा दुःख हुआ।
कुछ दिन बाद पेड़ पर फूल और फल लगने लगे। उस पेड़ पर तितलियाँ और पक्षी आने-जाने लगे। इससे पेड़ खुश हो गया।

संस्कार सन्देश-
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि कठिन समय में धैर्य रखना चाहिए।

लेखिका- 
अंशिका (कक्षा- 2)
रा० प्रा० वि० तिमली 
भरदार, जखोली (रुद्रप्रयाग)
कहानी वाचक-
नीलम भदौरिया
जनपद- फतेहपुर (उ०प्र०)

✏️संकलन
📝टीम मिशन शिक्षण संवाद
नैतिक प्रभात

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