विश्व भाईचारा क्षमादान दिवस
झगड़े, गुस्से, नफरत को,
चलो! हम आपस से मिटायें।
मिल कर रहे सब भाई-भाई,
अहम न किसी का टकराये।।
जाति-पाँति और देश-धर्म से,
मानवता को सबसे ऊपर लायें।
मानव से मानव प्रेम करें,
विश्व बंधुत्व के भाव जगायें।
सुख-दुःख के सब साथी हों,
क्षमादान का विनम्र गुण अपनायें।
कभी झुके, कभी रुके हम,
रिश्तों को अपनेपन से महकायें।।
बैर भाव, वैमनस्य त्याग कर,
दीन-हीन, अज्ञानी को गले लगायें।
इतिहास लिखे कुछ अलग, अनोखा,
जग को अमन-चैन की राह दिखायें।।
प्रतिवर्ष 13 सितम्बर को हम,
विश्व भाईचारा एवं समाधान दिवस मनायें।
आपसी सामंजस्य और प्रेम का गीत,
जन मन हृदय में, ऐसे हम सब बकाये।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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