मातारानी का शुभागमन

नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना का विधान,

माँ दुर्गा की विशेष कृपा का प्रावधान।

वर्ष भर में 4 नवरात्रि का है उल्लेख,

चैत्र व शारदीय नवरात्रि का विशेष स्थान।।


बुराई पर अच्छाई की जीत का है पर्व,

माँ दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है पर्व।

वैदिक युग से पहले से इसका है प्रचलन,

भक्ति प्रथाओं में गायत्री साधना का है पर्व।।


शक्ति स्वरूप माता की आराधना के हैं दिन,

चैत्र नवरात्रि का महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में प्रचलन।

शारदीय नवरात्रि गुजरात, पश्चिम बंगाल में मनाएँ,

चैत्र में रामनवमी शारदीय नवरात्रि में दुर्गा महानवमी का दिन।।


माँ दुर्गा के नौ रूपों की करो उपासना,

उनसे करो सदा सुख समृद्धि की कामना।

भक्तों की पुकार माँ अवश्य सुनेगी,

उनसे रही हमेशा कष्ट हरने की चाहना।।


शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा है रूप,

माँ कूष्मांडा, माँ स्कंदमाता, माँ कात्यायनी है रूप।

माँ कालरात्रि, महागौरी उत्कृष्ट रहा स्वरूप,

माँ सिद्धिदात्री शुभंकरी रहा है स्वरूप।।


रचयिता

नम्रता श्रीवास्तव,

प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,

जनपद-बाँदा।


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