प्रणाम हिन्दी
सुनकर जिसके प्यार भरे बोल,
आ जाये होठों पर भीनी सी मुस्कान,
दूर हो जाएँ माथे की सिलवटें,
मन में दौड़ जाए खुशियों की लहर,
वही तो है प्यारी हिन्द की हिन्दी।
दोहा, चौपाई, सोरठा, रस, छन्द, अलंकार,
सब मिल घोलें शब्दों में मिश्री,
प्यार की चासनी में डूबे हों जब लब्ज़,
खिंचा चला आये हर इन्सान,
जीत ले हर दिल हमारी प्यारी हिन्दी।
हिन्द की हिन्दी,
शालीन हिन्दी, विनम्र हिन्दी,
मधुर हिन्दी, करूण हिन्दी,
कर्ण प्रिय हिन्दी, कंठ प्रिय हिन्दी,
गुणों की खान है प्यारी हिन्दी।
बन जाए हर दिल अज़ीज़,
सुन मीठे मधुर बोल,
ऐसी भाषा का करना है संरक्षण,
जो बनाये हर दिल अज़ीज़,
प्रणाम हिन्दी, सलाम हिन्दी।।
रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।
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