अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस
शिक्षा जीवन का आधार है,
शिक्षा ही सफलता का द्वार है।
शिक्षा ही जमीर को जगाती,
शिक्षा से ही मिलता अधिकार है।।
लोभ, लालच, तृष्णा को मिटाता,
शिक्षा से ही आता सदव्यवहार है।
इतिहास स्वर्णिम लिखता है वह,
शिक्षा से जिसका हिय उजियार है।।
अज्ञानता व रूढ़िवादी तिलिस्म तोड़े,
शिक्षा अविरल बहती अमृत धार है।
परम्परा और संस्कार को संजोता,
शिक्षा से ही, गतिमान हर बार है।।
प्रकृति के गूढ़ रहस्य सुलझाये,
शिक्षा से ही गीता-कुरान का सार है।
देश के चतुर्मुखी विकास के लिए,
शिक्षा महत्वपूर्ण स्तम्भ, पतवार है।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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