भारतेंदु हरिश्चंद्र जन्मदिवस
हिन्दी में आधुनिकता के रचनाकार,
हिन्दी साहित्य के पितामह साहित्यकार।
हरिश्चंद्र था जिनका मूल नाम,
'भारतेंदु' की उपाधि बना साहित्य आधार।।
साहित्य में नवीनता के बीच बोये,
नवजागरण के अग्रदूत कहलाए।
गरीबी, पराधीनता व शोषण का चित्रण किया,
साहित्य द्वारा आप थे, राष्ट्र प्रेम जगाए।।
हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में,
प्रतिष्ठित करने में अहम भूमिका निभाये।
ब्रिटिश राज के शोषण प्रवृत्ति के चित्रण हेतु,
'युग चारण' वह लेखन में कहलाए।।
9 सितम्बर 1850 को काशी में,
प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में जन्मे।
काव्य प्रतिभा उनको पिता से मिली,
संस्कृत, मराठी, बांग्ला, उर्दू सिखा मन से।।
काशी के विद्वानों द्वारा उन्हें,
1880 में भारतेंदु की उपाधि मिला।
'खड़ी बोली' को भाषा रूप में प्रतिष्ठित किये
'अंधेर नगरी' और 'भारत दुर्दशा' लिखा।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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