हिन्दी दिवस

जो लिखते-पढ़ते हिन्दी हैं,

वो 'हिन्दी दिवस' मनाते हैं।

वो हिन्दी भाषी दुनिया को,

एक नयी सीख दे जाते हैं।।


हिन्दी के हित में लिखेंगे हम,

जो आगे चलकर 'कोष' बने।

पढकर के हृदय प्रफुल्लित हो,

साहित्यिक निधि सन्तोष बने।।


मन के भावों को दर्शाती,

गीतों से हृदय में 'राग' भरे।

बोली, मीठी हो श्रवण सुखद,

नयनों से भी अनुराग झडे़।।


निज भाषा का सम्मान करें,

जीवन्त इसे रखना होगा।

'हिन्दी' का भाल रहे ऊँचा,

प्रयत्न हमें करना होगा।।


हिन्दी लिखना, बोलें हिन्दी,

हम हिन्दी से ही प्रेम करें।

श्रंगार भरे हों गीत मधुर,

वीरों के मन 'वीर रस' भरें।।


भारतवासी का राष्ट्र-प्रेम,

सैनिक के हृदय की ज्वाला।

गाएँ, राष्ट्रगान, वन्देमातरम्,

हिन्दी बोलें, बालक, बाला।।


रचयिता
श्रीमती नैमिष शर्मा,
सहायक अध्यापक,
परि0 संविलियत पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेहरा,
विकास खण्ड-मथुरा,
जनपद-मथुरा।



Comments

Total Pageviews