बुढ़वा मंगल

बुढ़वा मंगल आ गया,

भक्त करें जयकार।

संकट मोचन को नमन,

कर लो बारंबार।।


लड्डू पुओं का लगा,

हर मंदिर में ढेर।

लाल पुष्प भी हैं चढ़े,

करो न प्रभु जी देर।।


पवन पुत्र हनुमान जी,

आज लगाओ भोग।

सारे संकट को भगा,

दूर करो सब रोग।।


सभी भवन के द्वार पर,

बाँटे भक्त प्रसाद।

महावीर का नाम लें,

भोग लगाओ बाद।।


एक बार श्री राम जी,

बोलो मन से आप।

राम संग हनुमान जी,

दूर करें सब पाप।।


रचयिता

गीता देवी,

सहायक अध्यापक,

प्राथमिक विद्यालय मल्हौसी,

विकास खण्ड- बिधूना, 

जनपद- औरैया।



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