विश्वकर्मा जयंती
विश्व के निर्माता, देवताओं के वास्तुकार,
विश्वकर्मा जी हैं एक कुशल शिल्पकार।
नमन है ऐसे महान शिल्पी को हमारा,
भारत के कई हिस्सों में मनाते हैं यह त्योहार।।
आमतौर पर 17 सितंबर को मनाएँ,
कारखानों औद्योगिक क्षेत्र में मनाएँ।
अपने अपने क्षेत्र में सफलता के लिए है प्रार्थना,
दिव्य वास्तुकार के उत्सव का दिन मनाएँ।।
विश्वकर्मा, इंजीनियर, वैज्ञानिक जगत कर्ता,
यांत्रिकी और वास्तुकला के विज्ञान के कर्ता।
ऋग्वेद में भी इसका मिलता है उल्लेख,
द्वारका के पवित्र शहर के यही हैं कर्ता-धर्ता।।
पांडवों की माया सभा और कई हथियार बनाए,
हिंदू कैलेंडर के अनुसार कन्या संक्रांति पर मनाएँ।
सभी कार्यकर्ता एक साथ एकत्र होते हैं,
पूजा के तीसरे दिन प्रतिमा विसर्जित कराएँ।।
इंद्रपुरी, स्वर्गलोक, जगन्नाथपुरी निर्मित,
शिवजी का त्रिशूल, विष्णु सुदर्शन चक्र निर्मित।
ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र हैं विश्वकर्मा जी,
पौराणिक काल के इंजीनियर हैं घोषित।।
रचयिता
नम्रता श्रीवास्तव,
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