अंतरराष्ट्रीय रेबीज दिवस
जीवविज्ञानी, लुईपाश्चर के जन्मदिवस की याद में,
18 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है।
पहला रेबीज टीका किया लुई पाश्चर ने विकसित,
रेबीज से बचने को जन-जागरूक किया जाता है।
रेबीज है एक विषाणु जनित घातक रोग,
बिना इलाज अनजाने में जीवन खत्म हो जाता है।
बंदर, कुत्ता या काट ले कोई भी जंगली जानवर,
तुरंत टीकाकरण, रेबीज इंजेक्शन लगाया जाता है।
कुत्ते, बन्दर के काटे घाव पर नहीं लगाते हाथ,
मिर्च, तेल, पत्ते, नमक पदार्थ घाव में नहीं लगाया जाता है।
रेबीज बीमारी फैलती है जानवरों से इन्सानों में,
मात्र रेबीज के इंजेक्शन से सही किया जाता है।
रचयिता
शालिनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय बनी,
विकास खण्ड-अलीगंज,
जनपद-एटा।
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