मैया

तर्ज - लेे के पहला-पहला प्यार


ले के हाथों में तलवार।

करने दुष्टों का संहार,

आ जाओ धरती पर,

माँ फिर से एक बार।

तुमको पुकारें माँ,

बेटियाँ तुम्हारी।

सुन लो अरज अब,

करुण हमारी।

दे दो हमको थोड़ा सा प्यार,

कर दो हम पर ये उपकार।

आ जाओ धरती पर,

माँ फिर से एक बार।

ले के.......

घात लगाए कुछ

दुष्ट ये खड़े हैं,

वहशी दरिंदे कुछ,

पीछे ही पड़े हैं।

होकर शेर पर सवार,

ले के शक्ति का अवतार।

आ जाओ धरती पर,

माँ फिर से एक बार।

ले के.......

शक्ति हमें दो मैया,

ना हम घबराएँ।

बेटियों का जग में,

मान बढ़ाएँ।

करो माँ सपने साकार,

है तेरी महिमा अपार।

आ जाओ धरती पर,

माँ फिर से एक बार।

ले के..........


रचनाकार

सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।



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