भाई-बहन का प्यार

भाई-बहन का प्यार,
खुशियों की बौछार।
श्रावण पूर्णिमा को आता,
पावन ये त्यौहार।

रंग-बिरंगी राखियों से,
सजे हैं बाजार।
रौनकें देखकर,
मन हुए गुलज़ार।

सारी बहनें इस दिन,
जाती है दूर-दूर।
दुनिया की सारी,
कड़वाहटों को भूल।

भाई की कलाई पर,
बहना बाँधे धागा।
तिलक लगाएँ माथे पर,
रक्षा का भाई करे वादा।

आती है कभी-कभी,
बचपन की याद।
बचाती थी भाई को,
जब पड़ती थी डाँट।

भाई-बहन का रिश्ता,
अनोखा और अनमोल।
ऐसी न कोई तराजू ,
जो इनको दे तोल।

भाई-बहन का प्यार ,
संस्कृति का प्रतीक।
प्यार और विश्वास का ,
पावन ये त्यौहार।

रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।

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