अटल

जीवन है अटल मृत्यु अटल है
 सबके हृदय में अजर अटल हैं।

है व्यथित हृदय, संवेग विकल
बह रहे अश्रु नेत्रों से अविरल

देखा है शून्य से शिखर सफर
पाया है देश सेवा का अवसर

रार नही ठानी हार नही मानी
 जीवन है आपका प्रेरक कहानी।

परमाणु अटल है भारत रत्न
सत्कार्यों का किया सदा प्रयत्न।

इतिहास के पन्नों पर अंकित
 साहित्य को करती आभूषित।

कवितायें छूतीं मन के तार
शब्दों से करती है प्रहार ।

था वक़्त अंतिम  बात थी आर-पार
काल सर पे खड़ा कर रहा इंतजार।

अंतिम सफर पर चले अटल महान
 नमन कर रहा सारा हिन्दुस्तान।

रचयिता
गीता गुप्ता "मन"
प्राथमिक विद्यालय मढ़िया फकीरन,
विकास क्षेत्र - बावन,
जनपद - हरदोई।

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