हे राष्ट्र पुरूष तुमको प्रणाम

हे राष्ट्र पुरूष तुमको प्रणाम
भारत रत्न अटल  बिहारी

शिंदे की छावनी में,कृष्णा की कोख से,
जन्मा था एक लाल जो कृष्ण का दुलारा था।

हिंदी कवि,पत्रकार,वक्ता प्रखर वान,
भारतीय राजनीति का चमकता सितारा था।

पांचजन्य,राष्ट्र-धर्म,दैनिक स्वदेश,और वीर अर्जुन
जैसी पत्रिकाओं को सँवारा था।

भारतीय जनसंघ का वो भीष्म पितामह,
श्यामा मुखर्जी का लाडला दुलारा था।

सन अट्ठानवे में परमाणु परीक्षण कर,
अमेरिका सहित सारे विश्व को ललकारा था।

10 बार सांसद,प्रधानमंत्री तीन बार,
भारत की दशा और दिशा को सुधारा था।

वादे थे अटल और इरादे थे अटल जिनके,
अटल बिहारी भारत माता का दुलारा था।

झुकने न पाए राष्ट्र ध्वज यह सोचकर,
भारती के लाल ने काल को ललकारा था।

अंतिम प्रणाम हे राष्ट्र पुरुष तुम्हें
अटल बिहारी सारे जग का पियारा था।

रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।

Comments

Total Pageviews