राहें नयी बनानी

राहें हैं अनजानी,
हमको उन्हें बतानी।
पढ़ना लिखना जानें,
अच्छी बातें मानें।
हमको बोध कराना,
सच्चा पथ बतलाना।
         उनको दिशा बतानी।
         उजली ज्योति जलानी।
नयी प्रविधि अपनाकर,
नव तकनीक लगाकर।
कुछ नवाचार अपनाना,
रुचिकर पाठ पढ़ाना।
            लाना सुबह सुहानी,
           नूतन किरण सजानी।
बन प्रबुद्ध वे जाएँ,
शिक्षित सभ्य कहाएँ।
यही सभी का सपना,
 शिक्षित भारत अपना।
          हम सबने यह ठानी,
          राहें नयी बनानी।

रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला, 
जनपद -सीतापुर।

Comments

  1. Very nice piece of poetry! Full of optimism and motivation for both the teachers and students.

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  2. सुन्दर रचना सर जी।मुझे भी मिशन शिक्षण संवाद के सीतापुर के वॉट्सएप्प ग्रुपमे जोड़े।
    मो.न.9026425290

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