तिरंगा

मेरा तिरंगा,मेरा अभिमान,
शीश सजे इसका सम्मान।
तीन रंग का साज श्रृंगार,
अदभुत बड़ा इसका इतिहास।

भगवा है रंग बलिदान का,
श्वेत से है सच्चाई।
हरा है रंग खुशहाली का,
चक्र बीच है भाई।

पिंगली वेंकैया ने ,
देश भक्ति के रंगों में,
रंग करके है इसे सजाया।
देश के नौजवानों ने,
तिरंगे के सम्मान में,
हँसते-हँसते है प्राण गँवाया।

गाँव, शहर या हो पहाड़,
हर जर्रे की यही दहाड़,
इसको न हम झुकने देंगे,
पैरों तले न हम दबने देंगे।

मेरा तिरंगा, मेरा अभिमान,
शिश सजे इसके सम्मान।
तीन रंग का साज - श्रृंगार,
अदभुत बड़ा इसका इतिहास।

रचयिता
पूजा यादव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उदयपुर,
विकास खण्ड-हरहुआ,
जनपद-वाराणसी।

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