आओ मनायें 15 अगस्त

स्वतंत्रता की प्रातः बेला पर
भीगे मन आजादी रंगा,
देख समंदर की लहरों से
फहर रहा तिरंगा,
चल रहा हिन्द प्रगति पथ पर
कर गुलामी जंजीर ध्वस्त,
आओ मनायें 15 अगस्त।।

इतिहास पढ़ो और याद करो
शहादत उन वीरों की,
भारत माँ के लाल अनोखे
बनायी किस्मत तकदीरों की,
गोली को गोली सा खा गए
कुछ गये फंदे चूम,
बापू ने वो राह दिखाई
गाँव-गाँव पग-पग घूम-घूम,
कर दिए खट्टे दाँत
हो गए गोरे त्रस्त,
आओ मनायें 15 अगस्त।।

है अब के नवयुवक कैसे
परेशान बॉडी और बालों पर,
भूल गए जौहर राजपूताना
फ़िदा विदेशी खालों पर,
बगले झाँकते फिरते ये तो
स्वर्ण अतीत के सवालों पर,
रोता देश फूट-फूट देखो
आज जवानी के ख्यालों पर,
प्रोफाइल बना सलमान सा
लाइक कमेंट्स पर मस्त,
किसके भरोसे छोड़ रहे हम
अपना 15 अगस्त??

कुछ हमारे नेता ऐसे
बने कबूतर सफ़ेदपोश,
संसद में थपथपाते मेज
देश विकास पर ठंडा जोश,
गाढ़ी कमाई आम जन की
निर्यात करते विलायत,
शर्म आँखों की बिक गयी
कुछ करते ओछी हिमाकत,
गरीब किसान रो रहा
सुन बिलखते बच्चों का शोर,
बेहया की टहनी है नेता
जैसे सावन नाचे बेशर्म मोर,
पैसे पर बौराये है सारे
हैं "स्विस" भरने में व्यस्त,
लिए हथेली खाली जनता
कैसे बनाये 15 अगस्त??

मेरे बच्चों सहारा तुम्हारा
तुम भविष्य की हो कड़ी,
जाति,क्षेत्र,भाषाई तम त्यागों
तुम विकास की बारहखड़ी,
कुछ दो कौड़ी के पडोसी हमारे
धर्म है जिनका आतंकवाद,
जो उनका था ही नहीं
करते उस पर वाद-विवाद,
मुट्ठी बनो पत्थर की
दुश्मन की गर्दन भींच लो,
देश आन की बकबक पर
आँतें बाहर खींच लो,
घसीट पैरों तले बता दो
भारत कैसा सिंह-हस्त,
छाती ठोंक फिर कह सकोगे
आओ मनायें15 अगस्त।।
R योगी R

रचयिता
योगेश कुमार,
सहायक अध्यापक,
नंगला काशी 
विकास खण्ड-धौलाना,
जनपद-हापुड़।


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