२५१~ अजय कुमार पाल प्रअ प्रा.वि.कछपुरा विख-अछल्दा, जनपद-औरैया
💎🏅अनमोल रत्न🏅💎
अजय कुमार पाल प्रअ प्रा.वि.कछपुरा विख-अछल्दा, जनपद-औरैया
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2129264407351145&id=1598220847122173
भौतिक परिवेश :
मैंने 01 जुलाई 2015 को प्रा.वि.कछपुरा - अछल्दा में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था उस समय विद्यालय का भौतिक परिवेश मेरी दृष्टि से उतना बेहतर नहीं था कि ग्रामवासियों छात्र-छात्राओं और अभिभावकों पर एक अच्छा प्रभाव छोड़ सकें। इसके लिए मैंने साथी शिक्षकों के सहयोग से विद्यालय भवन में पुट्टी करवाकर उसकी रंगाई-पुताई करवायी। कक्षाओं में दीवालों पर टी.एल.एम. का चित्रण करवाया, विद्यालय के बाहर की दीवालों पर जल संरक्षण, पौधरोपण व स्वच्छता से सम्बन्धित पेंटिंग करवायी। इस प्रकार से विद्यालय के भौतिक परिवेश को एक नये रूप में परिवर्तित किया। इस कार्य से सभी अभिभावक व ग्रामीण अत्यन्त प्रसन्न हुए।
नामांकन एवं ठहराव :
नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि के लिए मैंने अपने शिक्षक साथी श्री संजय कुमार व श्री विपिन कुमार जी के साथ ग्रामवासियों से अधिक से अधिक सम्पर्क किया तथा उनसे लगातार वार्ता कर उन्हें विश्वास दिलाया कि इस विद्यालय में उनके बच्चों के भविष्य को संवारने का हर हाल में सार्थक प्रयास किया जाएगा। जिसका परिणाम उन्हें कुछ समय में अवश्य देखने को मिलेगा और और हमारा सामूहिक प्रयास सफल भी रहा विद्यालय में छात्र संख्या 62 से 79 तक पहुंच गयी।
शैक्षिक परिवेश :
शैक्षिक परिवेश को सार्थक बनाने बनाने के लिए साप्ताहिक मूल्यांकन, गणित, हिन्दी तथा अंग्रेजी विषयों की छोटी छोटी प्रतियोगिताएं सम्पन्न करवाकर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें पेन,कापी,रजिस्टर, कलरपैकेट आदि प्रदान करना प्रारम्भ किया। इस प्रकार से छात्रों को अपना विद्यालय, कक्षाकक्ष तथा शिक्षण कार्य रोचक लगने लगे। इन सभी क्रिया कलापों से प्राथमिक विद्यालय कछपुरा के प्रति अभिभावकों का विश्वास बढ़ने लगा।
अन्य :
शिक्षण कार्य के साथ साथ प्रतिदिन प्रार्थना सभा में 30 मिनट तक सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर मौखिक रूप से बताना, छात्रों द्वारा एक-दूसरे से पूछते हुए प्रश्नोत्तरों का अभ्यास कराना, शीतकाल में पी.टी.तथा ग्रीष्मकाल में प्रतिदिन योग करवाने के अतिरिक्त बच्चों को विद्यालय में क्रिकेट,कबड्डी, खो-खो, बैडमिन्टन,आदि खेल खेलने से वे अगले दिवस विद्यालय आने के लिए लालायित रहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन में रहने की सीख जैसे प्रार्थना के पश्चात कतारबद्ध कक्षाओं में जाना, भोजन से पूर्व व पश्चात हाथ धुलना, नाखून काटना, कक्षाओं में व्यवस्थित बैठना आदि।
उपलब्धियां :
बच्चों की: - सबसे अधिक विद्यालय में उपस्थिति के प्रति बच्चों में रोचकता उत्पन्न हुई जिससे उनके शैक्षणिक स्तर में भी सुधार हुआ।
स्वयं की: - उपरोक्त अल्प प्रयासों से ग्राम कछपुरा ही नहीं बल्कि हमारे निकट के सभी विद्यालयों आदि में हमारे संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा हुई तथा संकुल प्रभारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी अछल्दा के द्वारा हमारे सार्थक प्रयासों को प्रोत्साहन प्राप्त हुआ।
*विद्यालय की* - हमारी ग्राम पंचायत और संकुल में विद्यालय की छवि एक उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में बनी।
वित्तीय एवं विद्यालय विकास के सहयोगी : विद्यालय को सदैव ग्रामप्रधान व पूर्वप्रवक्ता श्री सीताराम जी से भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। ग्रामप्रधान ने विद्यालय के प्रति हम सबके समर्पणभाव से प्रसन्न होकर और बालहित में विद्यालय को चाहरदीवारी का पुरस्कार दिया, निर्माण कार्य प्रगति पर है। विद्यालय को सदैव हरा-भरा बनाने के लिए ग्राम कछपुरा के ही श्री अशोक शाक्य जो कि बीएसईएस इंडिया संस्था के संचालक हैं, से भी सहयोग प्राप्त होता है।
भविष्य में विद्यालय सुधार :
ग्रामीण बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय में पार्क झूलों आदि की व्यवस्था, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था तथा वह हर सुविधा जो निजी विद्यालय अभिभावकों को आकर्षित करते हैं। प्रयास थोड़ी दूर है पर प्रयास अनवरत जारी रहेंगे।
धन्यबाद
अजय कुमार पाल प्रअ
प्राथमिक विद्यालय कछपुरा
वि.ख. -अछल्दा, जनपद - औरैया
संकलन: ज्ञान प्रकाश
मिशन शिक्षण संवाद औरैया
22-07-2018
अजय कुमार पाल प्रअ प्रा.वि.कछपुरा विख-अछल्दा, जनपद-औरैया
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2129264407351145&id=1598220847122173
भौतिक परिवेश :
मैंने 01 जुलाई 2015 को प्रा.वि.कछपुरा - अछल्दा में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था उस समय विद्यालय का भौतिक परिवेश मेरी दृष्टि से उतना बेहतर नहीं था कि ग्रामवासियों छात्र-छात्राओं और अभिभावकों पर एक अच्छा प्रभाव छोड़ सकें। इसके लिए मैंने साथी शिक्षकों के सहयोग से विद्यालय भवन में पुट्टी करवाकर उसकी रंगाई-पुताई करवायी। कक्षाओं में दीवालों पर टी.एल.एम. का चित्रण करवाया, विद्यालय के बाहर की दीवालों पर जल संरक्षण, पौधरोपण व स्वच्छता से सम्बन्धित पेंटिंग करवायी। इस प्रकार से विद्यालय के भौतिक परिवेश को एक नये रूप में परिवर्तित किया। इस कार्य से सभी अभिभावक व ग्रामीण अत्यन्त प्रसन्न हुए।
नामांकन एवं ठहराव :
नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि के लिए मैंने अपने शिक्षक साथी श्री संजय कुमार व श्री विपिन कुमार जी के साथ ग्रामवासियों से अधिक से अधिक सम्पर्क किया तथा उनसे लगातार वार्ता कर उन्हें विश्वास दिलाया कि इस विद्यालय में उनके बच्चों के भविष्य को संवारने का हर हाल में सार्थक प्रयास किया जाएगा। जिसका परिणाम उन्हें कुछ समय में अवश्य देखने को मिलेगा और और हमारा सामूहिक प्रयास सफल भी रहा विद्यालय में छात्र संख्या 62 से 79 तक पहुंच गयी।
शैक्षिक परिवेश :
शैक्षिक परिवेश को सार्थक बनाने बनाने के लिए साप्ताहिक मूल्यांकन, गणित, हिन्दी तथा अंग्रेजी विषयों की छोटी छोटी प्रतियोगिताएं सम्पन्न करवाकर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें पेन,कापी,रजिस्टर, कलरपैकेट आदि प्रदान करना प्रारम्भ किया। इस प्रकार से छात्रों को अपना विद्यालय, कक्षाकक्ष तथा शिक्षण कार्य रोचक लगने लगे। इन सभी क्रिया कलापों से प्राथमिक विद्यालय कछपुरा के प्रति अभिभावकों का विश्वास बढ़ने लगा।
अन्य :
शिक्षण कार्य के साथ साथ प्रतिदिन प्रार्थना सभा में 30 मिनट तक सामान्य ज्ञान के प्रश्नोत्तर मौखिक रूप से बताना, छात्रों द्वारा एक-दूसरे से पूछते हुए प्रश्नोत्तरों का अभ्यास कराना, शीतकाल में पी.टी.तथा ग्रीष्मकाल में प्रतिदिन योग करवाने के अतिरिक्त बच्चों को विद्यालय में क्रिकेट,कबड्डी, खो-खो, बैडमिन्टन,आदि खेल खेलने से वे अगले दिवस विद्यालय आने के लिए लालायित रहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण अनुशासन में रहने की सीख जैसे प्रार्थना के पश्चात कतारबद्ध कक्षाओं में जाना, भोजन से पूर्व व पश्चात हाथ धुलना, नाखून काटना, कक्षाओं में व्यवस्थित बैठना आदि।
उपलब्धियां :
बच्चों की: - सबसे अधिक विद्यालय में उपस्थिति के प्रति बच्चों में रोचकता उत्पन्न हुई जिससे उनके शैक्षणिक स्तर में भी सुधार हुआ।
स्वयं की: - उपरोक्त अल्प प्रयासों से ग्राम कछपुरा ही नहीं बल्कि हमारे निकट के सभी विद्यालयों आदि में हमारे संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा हुई तथा संकुल प्रभारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी अछल्दा के द्वारा हमारे सार्थक प्रयासों को प्रोत्साहन प्राप्त हुआ।
*विद्यालय की* - हमारी ग्राम पंचायत और संकुल में विद्यालय की छवि एक उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में बनी।
वित्तीय एवं विद्यालय विकास के सहयोगी : विद्यालय को सदैव ग्रामप्रधान व पूर्वप्रवक्ता श्री सीताराम जी से भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। ग्रामप्रधान ने विद्यालय के प्रति हम सबके समर्पणभाव से प्रसन्न होकर और बालहित में विद्यालय को चाहरदीवारी का पुरस्कार दिया, निर्माण कार्य प्रगति पर है। विद्यालय को सदैव हरा-भरा बनाने के लिए ग्राम कछपुरा के ही श्री अशोक शाक्य जो कि बीएसईएस इंडिया संस्था के संचालक हैं, से भी सहयोग प्राप्त होता है।
भविष्य में विद्यालय सुधार :
ग्रामीण बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय में पार्क झूलों आदि की व्यवस्था, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था तथा वह हर सुविधा जो निजी विद्यालय अभिभावकों को आकर्षित करते हैं। प्रयास थोड़ी दूर है पर प्रयास अनवरत जारी रहेंगे।
धन्यबाद
अजय कुमार पाल प्रअ
प्राथमिक विद्यालय कछपुरा
वि.ख. -अछल्दा, जनपद - औरैया
संकलन: ज्ञान प्रकाश
मिशन शिक्षण संवाद औरैया
22-07-2018
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