गणित से मत घबराना प्यारे

गणित से मत घबराना प्यारे,
ये तो जीवन का आधार।
गणित से चलते खेल तमाशे
गणित से चलता घर संसार।
पापा कितने फल है लाते,
मम्मी बनाती कितनी रोटी।
भैया कितना बड़ा है हमसे, 
और बहना है कितनी छोटी ।
गणित ही बतलाता हमको
कौन सी वस्तु चकोर है जग में
ओर कौन सी है गोलाकार।
 मौसम कितना ठंडा  है,
और कितना है हमको बुखार।
बस ये  नाप नहीं पाता,
माँ-बाप करते कितना प्यार।
गणित से मत घबराना प्यारे,
ये तो जीवन का आधार।

रचयिता
अर्चना आहूजा,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गदाना,
विकास खंड- भोजपुर,
जनपद - ग़ाज़ियाबाद।

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