हिरोशिमा दिवस

6 अगस्त 1945

ये कैसा था शक्ति परीक्षण
मानवता की छाती पर।

लिटिल बॉय ने कहर मचाया
हिरोशिमा की माटी पर।।

 आसमान पर,सौ सौ सूरज
की ज्वालायें लपकी थीं।

सरिताओं का जल खौला था
प्रबल ऊष्मा दमकी थी।

एक लाख चालीस हजार
 आबादी ने जान गँवायी थी।

विकिरण की दावाग्नि फैली
सदियों तक कहर मचायी थी।

13 वर्ग किलोमीटर में
मृत्यु ने पैर पसारे थे।

नागरिक,बच्चे,बूढ़े,स्त्रियाँ
 मृत्यु की राह सिधारे थे।

6 अगस्त उन्नीस सौ पैंतालीस
USA ने  एटम बम छोड़ा था।

जापानी जनता ने नहीं
मानवता ने दम तोड़ा था।

आओ कृत संकल्पित होकर
हम यह कसम उठायें।

संहारक अस्त्रों के प्रयोग से
विश्व को आज बचायें।

सत्ता के सनकी पदलोलुप
रक्त पात किया करते हैं।

मरती जलती लाशों पर
अट्टहास किया करते हैं।।

श्रद्धा सुमन स्नेह समर्पित
उन निरीह प्राणों को।

काल के गाल समा गए असमय
उन बिछड़े लालों को।।

सभी सुखी हों,सब पोषित हों
नया विश्व निर्माण करें।

विश्वासों की फौज नई
इस सृष्टि का कल्याण करें।
             
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।

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