जेम्स वाट
महान आविष्कारक
जेम्स वाट
पुण्य तिथि पर विशेष
छुक छुक करता रेल का इंजन
सबके मन को भाता।
जेम्स वाट के आविष्कार की
सबको याद दिलाता।।
19 जनवरी सत्रह सौ 36
स्काटलैंड में जन्म लिया।
प्राथमिक शिक्षा ग्रिनांक में पाई
ग्रामर स्कूल में अध्ययन किया।
जलयानों के सफल निर्माता
पिता का एक कारखाना।
जेम्स को अच्छा लगता था
उस फैक्ट्री में आना जाना।
19 वर्ष में जेम्सवाट
लन्दन को हुए रवाना।
ग्लॉसको यूनिवर्सिटी में
पढ़ने को उसने ठाना।
1757 को खुद का
शुरू किया व्यवसाय।
जहाँ मशीनें ठीक करने का
करते थे यह कार्य।
थॉमस न्यूकोमन ने बनाया
पहला भाप का इंजन।
लेकिन इसमें कई कमी थीं
असफल हुए न्यूकोमन।
1763 में कोमन ने भेजा
इसे जेम्स वाट के पास।
शून्य प्रेशर का एक कंडेंसर
जेम्स लगाए खास।
इंजन बन गया पावरफुल
और जेम्स बने थे कारक।
इंजन का पेटेंट कराया
बन गए वे आविष्कारक।
चली वाष्प से रेलगाड़ियाँ
हुई औद्योगिक क्रांति।
25 अगस्त 1819
जेम्स ने पायी शांति।।
चिर निद्रा में सोया वाट
इसी दिवस को भाई।
इनके ही सम्मान को अर्पित
बिजली की वाट इकाई।।
इंजन की क्षमता को जिसने
हॉर्स पावर नाम दिया।
औद्योगिक क्रांति के जनक
बन उत्तम काम किया।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
जेम्स वाट
पुण्य तिथि पर विशेष
छुक छुक करता रेल का इंजन
सबके मन को भाता।
जेम्स वाट के आविष्कार की
सबको याद दिलाता।।
19 जनवरी सत्रह सौ 36
स्काटलैंड में जन्म लिया।
प्राथमिक शिक्षा ग्रिनांक में पाई
ग्रामर स्कूल में अध्ययन किया।
जलयानों के सफल निर्माता
पिता का एक कारखाना।
जेम्स को अच्छा लगता था
उस फैक्ट्री में आना जाना।
19 वर्ष में जेम्सवाट
लन्दन को हुए रवाना।
ग्लॉसको यूनिवर्सिटी में
पढ़ने को उसने ठाना।
1757 को खुद का
शुरू किया व्यवसाय।
जहाँ मशीनें ठीक करने का
करते थे यह कार्य।
थॉमस न्यूकोमन ने बनाया
पहला भाप का इंजन।
लेकिन इसमें कई कमी थीं
असफल हुए न्यूकोमन।
1763 में कोमन ने भेजा
इसे जेम्स वाट के पास।
शून्य प्रेशर का एक कंडेंसर
जेम्स लगाए खास।
इंजन बन गया पावरफुल
और जेम्स बने थे कारक।
इंजन का पेटेंट कराया
बन गए वे आविष्कारक।
चली वाष्प से रेलगाड़ियाँ
हुई औद्योगिक क्रांति।
25 अगस्त 1819
जेम्स ने पायी शांति।।
चिर निद्रा में सोया वाट
इसी दिवस को भाई।
इनके ही सम्मान को अर्पित
बिजली की वाट इकाई।।
इंजन की क्षमता को जिसने
हॉर्स पावर नाम दिया।
औद्योगिक क्रांति के जनक
बन उत्तम काम किया।।
रचयिता
राजकुमार शर्मा,
प्रधानाध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चित्रवार,
विकास खण्ड-मऊ,
जनपद-चित्रकूट।
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