थार का मरुस्थल

ये है थार का मरुस्थल,
यहाँ जीवन है बड़ा मुश्किल।
ना नदियाँ ना हरियाली है,
जीवन की सूखी डाली है।
झाड़ बड़े कँटीले हैं,
रेतों के ऊँचे टीले हैं।
क्यूँ खेती यहाँ ना होती है,
कहकर ये मैया रोती है।
गुजराज(गुजरात, राजस्थान)हाथ बढ़ाये है,
क्यूँ पाक(पाकिस्तान)नज़र गड़ाये है?????
कब दूर होंगी मुश्किल,
ये है थार का मरुस्थल.......

रचयिता
डॉ0 रेणु देवी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय नवादा, 
जनपद-हापुड़।

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