प्यारे बच्चों
क्या है लिखा किताबों में,
यह जानो समझो याद करो,
इधर-उधर की बातों में,
वक्त न कभी बरबाद करो।
सदा करो सम्मान गुरू का,
मानो मात-पिता की बात!
जो सन्मार्ग से भटकाता हो,
तज दो ऐसे मित्र का साथ।
तुम ही हो सबकी आशाएँ,
तुम भविष्य का सुन्दर कल,
प्यारे बच्चों करो परिश्रम,
निज जीवन में बनो सफ़ल।
रचयिता
कुहू बनर्जी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अटकोहना,
विकास खण्ड-नकहा,
जनपद-लखीमपुर खीरी।
यह जानो समझो याद करो,
इधर-उधर की बातों में,
वक्त न कभी बरबाद करो।
सदा करो सम्मान गुरू का,
मानो मात-पिता की बात!
जो सन्मार्ग से भटकाता हो,
तज दो ऐसे मित्र का साथ।
तुम ही हो सबकी आशाएँ,
तुम भविष्य का सुन्दर कल,
प्यारे बच्चों करो परिश्रम,
निज जीवन में बनो सफ़ल।
रचयिता
कुहू बनर्जी,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अटकोहना,
विकास खण्ड-नकहा,
जनपद-लखीमपुर खीरी।
Comments
Post a Comment