इन्सान-ए-हिन्द
जम्मू है सिर-मौर देश का,
दाईं भुज गुजरात है।
बाईं भुजा पुर्वोत्तर भारत,
खाड़ी का सम्राट है।।
दिल्ली है जिगर देश की,
दिल यूपी महाविराट है।
आंध्रा बाईं कोख देश की,
दाईं महाराष्ट्र है।।
सावधान की स्थिति में खड़े,
दो पैर केरल औ-मद्रास हैं।
कन्याकुमारी माँ के चरणों पर,
पुष्पगुच्छ आच्छाद हैं।।
दक्षिण में चरणों को धोता,
सागर का सम्राट है।
शत्रु देश हैं चोटीकटवा,
उनकी क्या औकात है।।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
दाईं भुज गुजरात है।
बाईं भुजा पुर्वोत्तर भारत,
खाड़ी का सम्राट है।।
दिल्ली है जिगर देश की,
दिल यूपी महाविराट है।
आंध्रा बाईं कोख देश की,
दाईं महाराष्ट्र है।।
सावधान की स्थिति में खड़े,
दो पैर केरल औ-मद्रास हैं।
कन्याकुमारी माँ के चरणों पर,
पुष्पगुच्छ आच्छाद हैं।।
दक्षिण में चरणों को धोता,
सागर का सम्राट है।
शत्रु देश हैं चोटीकटवा,
उनकी क्या औकात है।।
रचयिता
विजय मेहंदी,
सहायक अध्यापक,
KPS(E.M.School)Shudanipur, Madiyahu,
जनपद-जौनपुर।
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