15 अगस्त
अनय मचाया था गोरों ने,
भारत भू पर भारी।
अनय से उनके त्रस्त हो गयी,
देश की जनता पूरी।।
आजादी पाने की खातिर,
वीरों ने निज शोणित को बहाया।
चूम लिया फाँसी फंदे को,
हमको आजादी दिलवाया।।
ना मजहब ना जाति धर्म पर,
नहीं था उनमें भेद कोई।
विश्व गुरु भारत बन जाए,
टक्कर न ले पाये देश कोई।।
वीर भगत शेखर सुभाष ने,
अपना सर्वस्व लुटाया।
अनय मचाने वाले गोरों से,
स्वदेश आजाद कराया।।
मिली आजादी देश को अपने,
कण कण की रज धन्य हुई।
पुलकित हो गए पत्ते पत्ते,
जनता स्वदेश की मुदित हुई।।
रचयिता
अशोक कुमार,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय रामपुर कल्याणगढ़,
विकास खण्ड-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।
भारत भू पर भारी।
अनय से उनके त्रस्त हो गयी,
देश की जनता पूरी।।
आजादी पाने की खातिर,
वीरों ने निज शोणित को बहाया।
चूम लिया फाँसी फंदे को,
हमको आजादी दिलवाया।।
ना मजहब ना जाति धर्म पर,
नहीं था उनमें भेद कोई।
विश्व गुरु भारत बन जाए,
टक्कर न ले पाये देश कोई।।
वीर भगत शेखर सुभाष ने,
अपना सर्वस्व लुटाया।
अनय मचाने वाले गोरों से,
स्वदेश आजाद कराया।।
मिली आजादी देश को अपने,
कण कण की रज धन्य हुई।
पुलकित हो गए पत्ते पत्ते,
जनता स्वदेश की मुदित हुई।।
रचयिता
अशोक कुमार,
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय रामपुर कल्याणगढ़,
विकास खण्ड-मानिकपुर,
जनपद-चित्रकूट।
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