पर्यावरण कांसेप्ट गीत
आओ मिलकर हम सोचें।
हम सबको कुछ करना है।।
5 जून पर्यावरण दिवस है।
जीवों के संरक्षण का दिन है।।
मानव मन अब संकट में है।
लगा सोचने अब पल-पल है।।
गर्मी का अब क्या कहना।
पल-पल जीवन झुलस रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग ने गर्मी बढ़ाया।
मोटर-गाड़ी का यह परिणाम।।
अब तो जागो हे मानव।
जीवों के जीवन से मत खेलो।
आओ मिलकर सोच बनाएँ।
पर्यावरण की हम शिक्षा दे दें।।
जल, जीवन और जंगल पर
सोचें
यही है पर्यावरण की सच्ची
शिक्षा।।
आओ मिलकर हम गीत अब
गाएँ।
जल, जीवन और जंगल को बचाएँ।।
रचयिता
डॉ0 श्रवण कुमार गुप्त,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय देहली विनायक,
विकास खण्ड-सेवापुरी,
जनपद-वाराणसी।
9450944830
हम सबको कुछ करना है।।
5 जून पर्यावरण दिवस है।
जीवों के संरक्षण का दिन है।।
मानव मन अब संकट में है।
लगा सोचने अब पल-पल है।।
गर्मी का अब क्या कहना।
पल-पल जीवन झुलस रहा है।
ग्लोबल वार्मिंग ने गर्मी बढ़ाया।
मोटर-गाड़ी का यह परिणाम।।
अब तो जागो हे मानव।
जीवों के जीवन से मत खेलो।
आओ मिलकर सोच बनाएँ।
पर्यावरण की हम शिक्षा दे दें।।
जल, जीवन और जंगल पर
सोचें
यही है पर्यावरण की सच्ची
शिक्षा।।
आओ मिलकर हम गीत अब
गाएँ।
जल, जीवन और जंगल को बचाएँ।।
रचयिता
डॉ0 श्रवण कुमार गुप्त,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय देहली विनायक,
विकास खण्ड-सेवापुरी,
जनपद-वाराणसी।
9450944830
Nice
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