ज्योतिर्मय भारत
मेरा मन अभिनव भाव जगाए।
सुन्दर शुचिमय शुभ स्वप्न सजाए।
जीवन पथ हो उज्जवल पल पल,
चिन्मय अन्तर ज्योति जलाए।
मेरा मन अभिनव- - -
सृजन नवल वसुधा के तल पर,
चलते हों हम मानवता पथ पर।
समता समरसता शुचिता भरने,
हममें नव प्रकाश भर जाए।
मेरा मन अभिनव- -
भारत जनगण शाश्वत है अपना,
सबके विकसित जीवन का सपना।
है राष्ट्र हमारा हम सबको प्यारा,
संप्रभु गौरव ध्वज लहराए।
मेरा मन अभिनव- -
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
सुन्दर शुचिमय शुभ स्वप्न सजाए।
जीवन पथ हो उज्जवल पल पल,
चिन्मय अन्तर ज्योति जलाए।
मेरा मन अभिनव- - -
सृजन नवल वसुधा के तल पर,
चलते हों हम मानवता पथ पर।
समता समरसता शुचिता भरने,
हममें नव प्रकाश भर जाए।
मेरा मन अभिनव- -
भारत जनगण शाश्वत है अपना,
सबके विकसित जीवन का सपना।
है राष्ट्र हमारा हम सबको प्यारा,
संप्रभु गौरव ध्वज लहराए।
मेरा मन अभिनव- -
रचयिता
सतीश चन्द्र "कौशिक"
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अकबापुर,
विकास क्षेत्र-पहला,
जनपद -सीतापुर।
Comments
Post a Comment