विनती सुन लो हे भगवान्

विनती सुन लो हे भगवान्।
हम सब हैं बालक नादान।।
विद्या बुद्धि नहीं कुछ पास।
हमे बना लो अपना दास।।
जीवन तुमने किया सभी को।
रुपया-पैसा दिया सभी को।।
हाथ जोड़ कर खड़े हुए हैं।
पैरो पर हम पड़े हुए हैं।।
खूब पढ़ाना खूब लिखाना।
और हमें कभी भूल न जाना।।
खूब बड़ा जब हो जाऊँगा।
मेहनत कर दिखलाऊँगा।।
लो फिर शीश झुकता हूँ मैं।
विद्या पढ़ने जाता हूँ मैं।।

रचयिता
लाल बहादुर यादव,
प्रधानाध्यापक,
कन्या प्राथमिक विद्यालय सुदनीपुर, 
विकास खण्ड-मड़ियाहूं,
जनपद-जौनपुर।

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