भागो भागो बाघ आया

भागो भागो बाघ आया,
स्कूल में देखो बाघ आया।

गोलू को पकड़ा,
मोनू को खाया।

भागो भागो बाघ आया।
सर जी बचाओ, मैम बचाओ।

देखो देखो बाघ आया।
भागो भागो बाघ आया।

ये देखो कितना है मोटा,
लगता कितना बलशाली।
देखो इसके शरीर पर ज़ेब्रा जैसी धारी।

यह तो देश का राष्ट्रीय पशु,
 होती इसकी पैनी निगाहें।

करता शिकार हो मुस्तैद,
नहीं कोई बचता जब हो जाता जबड़े में कैद।

देखो देखो बाघ आया।
भागो भागो बाघ आया।

रचयिता
शिराज़ अहमद,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय ददरा,          
विकास खण्ड-मड़ियाहूं,
जनपद-जौनपुर।

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