शिक्षा
शिक्षा जीवन का मान है, शिक्षा जीवन की शान
शिक्षा से नर होति है, सुन्दर और सुजान
शिक्षा साहस देति है, जो आदर आधार
बिन साहस के जगत मा, कुछ भी न साकार
जिन शिक्षा हासिल किया, जग मा हुए महान
कालजयी सूरज बने, चमकै दिवस विहान
संस्कार जो दे रही , बन सुन्दर आधार
सज्जनता के क्षितिज पर, ख़्वाब करै साकार
शिक्षा आभूषित करति है, जो सुन्दर है काम
बिन शिक्षा बेकार सब, नाम होय बदनाम
शिक्षा से गुण मिलति है, गुण मानव की आन
बिन गुण बेकार सब, तू भी गुण को जान
बिन शिक्षा हासिल किये, नाय मिली सम्मान
जतन करौ शिक्षार्थ तुम, न तो पइहौ अपमान
जो शिक्षित न होइ सका, वहिका जीवन बेकार
अपमान मिली हर जगह, हुई न जय जैकार
शिक्षा जीवन का नूर है, देय धवल उजियार
बिन शिक्षा अंधेर सब, जानउ नर अउ नारि
वह शिक्षा बेमोल है, जो परमार्थ विहीन
कर्म हीन बनाय करि, चरितउ लेवे छीन
रचनाकार
देवेन्द्र कश्यप 'निडर',
साहित्यकार व सामाजिक चिंतक,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर,
विकास क्षेत्र-मछरेहटा,
जिला-सीतापुर।
शिक्षा से नर होति है, सुन्दर और सुजान
शिक्षा साहस देति है, जो आदर आधार
बिन साहस के जगत मा, कुछ भी न साकार
जिन शिक्षा हासिल किया, जग मा हुए महान
कालजयी सूरज बने, चमकै दिवस विहान
संस्कार जो दे रही , बन सुन्दर आधार
सज्जनता के क्षितिज पर, ख़्वाब करै साकार
शिक्षा आभूषित करति है, जो सुन्दर है काम
बिन शिक्षा बेकार सब, नाम होय बदनाम
शिक्षा से गुण मिलति है, गुण मानव की आन
बिन गुण बेकार सब, तू भी गुण को जान
बिन शिक्षा हासिल किये, नाय मिली सम्मान
जतन करौ शिक्षार्थ तुम, न तो पइहौ अपमान
जो शिक्षित न होइ सका, वहिका जीवन बेकार
अपमान मिली हर जगह, हुई न जय जैकार
शिक्षा जीवन का नूर है, देय धवल उजियार
बिन शिक्षा अंधेर सब, जानउ नर अउ नारि
वह शिक्षा बेमोल है, जो परमार्थ विहीन
कर्म हीन बनाय करि, चरितउ लेवे छीन
रचनाकार
देवेन्द्र कश्यप 'निडर',
साहित्यकार व सामाजिक चिंतक,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर,
विकास क्षेत्र-मछरेहटा,
जिला-सीतापुर।
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