अपनाएँ योग

जीवन को करना हो निरोग

सुबह - शाम अपनाएँ  योग

तन-मन दोनों करता निर्मल

अंतस हो  जाता जैसे  जल

भागमभाग बना यह जीवन

फास्टफूड  का करें  न भोग।

जीवन को करना हो निरोग

सुबह - शाम अपनाएँ  योग।।

नित नियम व्यायाम करें तो

सुंदर, सुगठित बनता शरीर

आसन प्राणायाम के बल पर

स्वास्थ्य के धन से बने अमीर

रोग भी  भागे  योग से  दूर

दीर्घ - आयु  का हो  संयोग।

जीवन को करना हो निरोग

सुबह - शाम अपनाएँ  योग।।

लेना हो यदि दवा से मुक्ति

अपनाएँ हम योग की युक्ति

दैविक भौतिक आध्यात्मिक, 

कष्टों का योग ही निराकरण

आत्मज्ञान का सार तत्व जो

ऋषि मुनि भी करते  प्रयोग।

जीवन को करना हो निरोग

सुबह - शाम अपनाएँ योग।।


रचयिता

डॉ0 रमेश कुमार यादव "अहान"

सहायक अध्यापक,

कम्पोजिट विद्यालय गुरचिहा,

विकास खण्ड-बृजमनगंज,

जनपद-महराजगंज।




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