काव्यांजलि
*#काव्यांजलि*
टीम # *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से कविताओं का नया संग्रह,
🔵🔴 *#काव्यांजलि_2230--* 🔴🔵
दिनांक- बुधवार, 12 जून, 2024~~~~~
कक्षा-6, विषय- हिन्दी
पाठ-13, भाग-02
*अमर शहीद भगत सिंह के पत्र*
बाइस मार्च, उन्नीस सौ इकतीस,
फाँसी के एक दिन पहले।
लिखा साथियों को यह पत्र,
व्यक्त किये सपने रुपहले।।
जीने की है इच्छा मुझमें,
लेकिन कैद नहीं रहकर।
माँ और मातृभूमि की रक्षा,
करूँगा मैं जीवन देकर।।
हँसते-हँसते फाँसी चढ़कर,
बन जाऊँगा एक नजीर।
हर माता चाहेगी यही कि,
हो औलाद भगत सी वीर।।
शेष न इच्छा अब तो कोई,
सच-सच मैं बतलाता हूँ।
मेरा है सौभाग्य कि मैं अब,
देश की खातिर जाता हूँ।।
🙏🏼 *रचना-*
शिखा वर्मा (इं०प्र०अ०)
उ० प्रा० वि० स्योढ़ा
क्षेत्र- बिसवाँ, जनपद- सीतापुर
✏️ *संकलन*
📝 *काव्यांजलि टीम,*
*मिशन शिक्षण संवाद*
# *काव्याँजलि*#
टीम *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से कविताओं का नया संग्रह
🟣🔵*काव्याॅंजलि 1114* 🟣🔵
दिनाँक- 12/06/2024, दिन – बुधवार
कक्षा- 7
विषय- हिन्दी
*पाठ- 2, हिमालय की बेटियाँ*
जब तक कल्पनालोक में रहता,
किस्सा कहानी सब गढ़ लेता।
लेकिन ज्ञान-विज्ञान बढ़ाकर,
तब संजीदगी से तर्क कर लेता।।
पतित पावनी गंगा मैया!
जाने कहांँ से आई है?
शायद पृथ्वी पर चलकर ही,
पाप तारने आई है।।
भागीरथ ने शिव शंकर से,
इसे एक लट में मांगा था।
तारने के लिए अपने पुरखों को,
मांँ गंगा को मांगा था।।
तब मेरी कल्पना यही थी,
कि नदियाँ माँ का रूप है।
शान्त, निश्छल अपनी गति से,
साक्षात दैवीय स्वरूप हैं।।
🙏रचना-:
सरोज डिमरी (स०अ०)
रा० उ० प्रा० वि० घतोड़ा
वि०ख०- कर्णप्रयाग, चमोली।
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