आओ पेड़ लगाएँ हम

गर्मी से बचाना है हमको 

आओ! पेड़ लगाएँ हम।

वर्षा को लाना है हमको 

आओ! पेड़ लगाएँ हम।।


बिना पेड़ गर्मी प्रचंड है 

धरती का आँचल सूना है,

वातावरण प्रदूषित है अब

होता नित दूभर जीना है,


बिन पानी नामुमकिन जीवन 

यह सबको समझाएँ हम।


पेड़ हमें ऑक्सीजन देते 

जीवन में उपयोगी हैं, 

कार्बन-डाईऑक्साइड हम से लेते 

रखते हमें निरोगी हैं, 


फल लकड़ी देते हैं सब कुछ 

सबको यह  सिखलाएँ हम।


चारों ओर धुंध फैली है 

हुई प्रदूषित जलवायु है,

दमा कैंसर काली खाँसी 

से घटती जीवन आयु है, 


शुद्ध हवा मिट्टी पानी को 

पर्यावरण बचाएँ  हम।


माना यह कंप्यूटर युग है 

मोबाइल में सब कुछ मिलता, 

है विज्ञान बहुत आगे पर 

यहाँ प्रदूषण पल- पल पलता,


आओ! इसके दुष्प्रभाव से 

खुद को जरा बचाएँ हम।


पर्यावरण दिवस जब आता 

करते हैं गुणगान सभी,

पर कितना कर्तव्य निभाते 

आओ सोचें बैठ कभी, 


'यशो' देश के सजग नागरिक

बन कर्तव्य निभाएँ हम।


गर्मी से बचना है हमको 

आओ पेड़ लगाएँ हम।

वर्षा को लाना है हमको 

आओ पेड़ लगाएँ हम।।


रचयिता

यशोधरा यादव 'यशो'

सहायक अध्यापक,

कंपोजिट विद्यालय सुरहरा,

विकास खण्ड-एत्मादपुर,

जनपद-आगरा।



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