काव्यांजलि

*#काव्यांजलि*
टीम # *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से कविताओं का नया संग्रह,

🔵🔴 *#काव्यांजलि_2236* 🔴🔵
दिनांक- बुधवार, 19.06.2024~~~~~

कक्षा- 03, विषय- हिन्दी 
पाठ- 15

*जड़ और फूल*

गुलमोहर का पेड़ एक गुलदस्ता जैसा लगता,
हर डाल पे जब लाल फूलों का गुच्छा खिलता।
फूलों ने जड़ को बदसूरत कहकर  हँसी उड़ायी,
परन्तु जड़ चुप ही रही कुछ भी न बोल पायी।।

बरसात में बादल गरजे, जोर से बिजली चमकी,
आकाश से आग की लपट गुलमोहर पर झपटी।
बिजली गिरने से गुलमोहर का पेड़ झुलस गया,
वह गुलदस्ते जैसा पेड़ एकदम ठूँठ-सा हो गया।।

बरसात बीती, जाड़ा गया और फिर बसंत आया,
बसंत आने पर एक चमत्कार ने वह पेड़ सजाया।
कोंपलें आयी, हरा हुआ पेड़ जब निकले पत्ते नये,
कलियाँ बनी और लाल-लाल फूल  खिल गये।।

जड़ ने फूलों से पूछा, “कहो, कैसे हो भाई फूल!”
जड़ की सेवा और मेहनत से खिले सुन्दर फूल।
फूलों ने अपना सिर जड़ों के सम्मान में झुकाया,
सच्ची खूबसूरती से आपकी हमने जीवन पाया।।

रचना🙏
पूनम नैन (स०अ०)
उ० प्रा० वि० मुकंदपुर (1-8)
छपरौली, बागपत

✏️ *संकलन*
📝 *काव्यांजलि टीम,*
*मिशन शिक्षण संवाद*

# *काव्याँजलि*#
टीम *मिशन शिक्षण संवाद* की ओर से कविताओं का नया संग्रह

🟣🔵 *काव्याॅंजलि  1119* 🟣🔵
दिनाँक- 19/06/2024, दिन-  बुधवार 

कक्षा- 2
विषय- हिन्दी (सारंगी)
*पाठ–थाथू और मैं* (भाग-2) 

जब भी बारिश होने लगती,
मैं थाथू संग बाहर जाती।
समुद्र तट पर उंगलियांँ कुतर,
मछलियाँ खेलने को बुलाती।।

चांँद हमारे संग में चलता,
हवायें भी सीटी बजाती।
जैसे ही अन्धेरा छाने लगता, 
मैं थाथू संग घर आ जाती।।

घर आ थाथू किताब पढ़ते,
मैं उनसे सवाल करती।
क्या किताब ये जादूगर की?
क्या मैं जादूगर बन सकती?

सवाल सुन थाथू मुस्काते,
अपनी गोद में मुझे सुलाते।
मैं बहुत प्यार थाथू को करती,
उनके जैसा ही बनना चाहती।।

🙏 रचना-:
रेखा पुरोहित(स०अ०) 
रा० प्रा० वि० सौंराखाल
वि० ख०- जखोली, रुद्रप्रयाग

📝 *काव्याँजलि टीम, मिशन शिक्षण संवाद- उत्तराखण्ड*

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