चलो स्कूल चलें हम
ज्ञान की ज्योति जलाने
चलो स्कूल चलें हम।
अज्ञान का तिमिर मिटाने
चलो स्कूल चलें हम।
मिलें जहाँ मुफ्त किताबें
मिले जहाँ जूता - मोजा
विविध पकवान मिलें,
मिलें जहाँ योग्य शिक्षक
नहीं अनपढ़ है रहना
पढ़ें और बढ़ें सदा हम।
ज्ञान की ज्योति जलाने
चलो स्कूल चलें हम ।।
खेल की उचित व्यवस्था
खेलें सब खेल नये हम
निपुण हर बालक होए
यतन नित करें गुरु जी
रहे न, जहाँ भेद कोई
पाठ एकता का पढ़ें हम
ज्ञान की ज्योति जलाने
चलो स्कूल चलें हम ।।
बाल - अधिकार हमारा
मिले हर बाल को शिक्षा
प्रज्ञा अक्षरा व दीक्षा
पढ़ कर है ज्ञान बढ़ाना
बेटा - बेटी में हो समता
रहे दोनों की ममता
ज्ञानमन्दिर का दर्शन
करने को बढ़ें कदम।
ज्ञान की ज्योति जलाने
चलो स्कूल चलें हम।।
रचयिता
डॉ0 रमेश कुमार यादव "अहान"
सहायक अध्यापक,
कम्पोजिट विद्यालय गुरचिहा,
विकास खण्ड-बृजमनगंज,
जनपद-महराजगंज।
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