शुभ दीपावली
देखो-देखो आई दीवाली,
सबके मन को भाई दीवाली।
धूम-धड़ाके चले पटाखे,
दीपों की पंक्ति है जली।।
दीवाली उत्सव अलबेला,
त्योहारों का लगता मेला।
धनतेरस, गोवर्धन, दौज,
चारों ओर प्रकाश है फैला।।
धनतेरस आती धन वाली
बाजारों में छायी लाली।
छोटी दीवाली, बड़ी दीवाली
रात आयी है पटाखे वाली।।
बच्चे-बूढ़े मौज मनाते,
खील बताशे मीठा खाते।
संग अपने उपहार लेकर,
एक-दूजे से मिलने जाते।।
गोवर्धन गोबर से बनता,
घर-घर के आँगन में सजता।
भाई दौज की छटा निराली,
बहना की तो मौज निराली।।
लक्ष्मी जी की पूजा होती,
सब के कष्टों को वह हरती।
असत्य पर जीते सत्य हमेशा,
दीवाली संदेश यह देती।।
रचयिता
हेमलता गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मुकंदपुर,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
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