भाई-दूज त्योहार
भारत में भाई-बहन के प्रेम का,
प्रगाढ़ निश्चल अभिव्यक्ति भाई दूज।
कार्तिक मास के शुक्ल तृतीया को,
त्योहार बढ़ाता स्नेह अपार भाई दूज।।
टीका, रोली, अक्षत आरती संग,
यम से बहना माँगे भाई की आयु।
हर कष्ट से दूर रहे, भैया मेरा
यशस्वी आरोग्य रहे, बने दीर्घायु।।।
बहना के सिर बना रहे भाई का हाथ,
हर मुश्किल में, भाई का बना रहे साथ।
मायके का रौनक, कूल का उजियारा,
भैइया का दमकता रहे, उज्ज्वल माथ।।
गोबर का चौकोन बनाकर,
गोधन बाबा की मूरत बनाकर।
यम से भाई की लम्बी आयु माँगूँ,
कूँटूँ मैं, दुश्मन आभासी बनाकर।।
हर बुरी नजर पर, उसको भैइया खाऊँ,
जीभ में काँटा चुभा, तेरी नजर उतारू।
लाख बरस का हो भैइया मेरा,
गोधन बाबा मैं, आँचल पसारुँ।।
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
सहायक अध्यापक,
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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